New Delhi: सिंधु बॉर्डर,टिकरी बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर यहां पर किसान नए कृषि कानून के विरोध में धरने पर बैठे हैं। क्या बच्चा, क्या जवान सभी वर्ग के लोग धरने पर बैठे हुए हैं। किसान पहले दिन से ऐलान कर चुके हैं कि जब तक हैं जान आंदोलन तब तक खत्म नहीं होगा, जब तक नया कृषि कानून केंद्र सरकार वापस नहीं लेती है। वहीं दूसरी तरफ नया साल 2021 आने में महज कुछ ही दिन बाकी है। जिसे देखते हुए कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बार किसान नए साल का स्वागत अपने आंदोलन के साथ ही करेंगे।
सरकार के साथ नहीं बनी बात
किसान व कृषि मंत्रालय के बीच लगभग पांच बार बैठक हुई। किसानों के साथ देशवासियों को भी लगा था कि बैठक में चल रही बातचीत से बीच का रास्ता जरूर निकलेगा। परंतु लगातार पांच बैठक की मुलाकात के बाद भी नतीज जीरो ही रहा। इसी का नतीजा है कि किसान धरना खत्म करने से मना कर रहे हैं।
क्या कहते हैं किसान नेता
किसान नेता राकेश टिकैत ने मंगलवार को बताया कि उन्हें कृषि मंत्रालय की ओर से मुलाकात करने का न्योता नहीं मिला है, उन्होंने कहा कि अगर न्योता आता है तो वह मिलेंगे, और अपनी मांग एक बार फिर रखेंगे। वहीं दूसरी तरफ टिकैट ने कहा कि भले ही हमें पूरी जिंदगी यहां बैठना पड़े, लेकिन बिना कानून को वापस कराए हम नहीं लौटेंगे। बताते चले कि राकेश टिकैत गाजीपुर बॉर्डर पर चल रहे प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे हैं।
प्रदर्शनकारी पढ़ सकेंगे पुस्तक
प्रदर्शनकारियों के लिए गाजीपुर धरना स्थल के पास एक लाइब्रेरी खोली गई है। जिसमें शहीद भगत सिंह से जुड़ी किताबे रखी गई हैं।
किसानों की लाइव पेंटिंग बना रहा छात्र
धरना स्थल पर एक आट्र्स विषय का छात्र भी पहुंचा है। यह छात्र किसानों की लाइव पेंटिंग बना रहा है।