उम्र महज़ एक संख्या है, इसके कई उदाहरण आपने अब तक देख लिए होंगे. इसी क्रम में आज हम एक महिला का वीडियो लेकर आए हैं, जो 68 की उम्र में महाराष्ट्र के सबसे दुर्गम हरिहर किले की चढ़ाई आसनी से पूरा कर लेती हैं. इस उम्र में जहां अमूमन महिलाओं को घुटने में दर्द की परेशानी रहती है, वहीं इस आजी ने घुटने के बल पहाड़ी चढ़कर रिकॉर्ड बना लिया है. महिला को आगे बढ़ने के लिए वहां उपस्थित युवा प्रोत्साहित कर रहे हैं.
आशा अम्बाड़े नाम की ये महिला दुनिया के सबसे खतरनाक ट्रैक माने जाने वाले हरिहर के किले तक पहुंचने के लिए सीढ़ियों का इस्तेमाल करती हैं. महिला के इस कारनामे की सोशल मीडिया पर काफी तारीफ़ हो रही है. महिला के साथ उनके परिवार के लोग भी थे. उम्र का तकाजा देकर लोग कई चीजों को करने से मना कर देेते हैं, लेकिन अब समय अपने आपको बदलने का आ गया है. अपने शौक को पूरा करने के लिए उम्र की कोई सीमा नहीं होती है.
जिस ट्रैक को महिला ने पार किया है. वहां कई जगह 80 डिग्री वाली खड़ी चढ़ाई हैं. खड़ी चढ़ाई पर चलना खतरे से खाली नहीं होता है. महिला ने जैसे ही अपनी चढ़ाई पूरी करी लोगों ने सीटियां और तालियों की गड़गड़ाहट के साथ उनका स्वागत किया. महिला ने चढ़ाई खत्म करने के बाद शिवजी के मंदिर में दर्शन करके उनका आर्शीवाद लिया.
प्रिज्म आकार के इस किले पर चढ़ने के लिए कई छोटी-छोटी सीढ़िया हैं. इस ट्रैक पर चढ़ने वाले पहले शख्स डग स्कॉट थे. उन्होंने 1986 में इसकी चढ़ाई की थी. इस किले तक पहुंचने के लिए 117 सीढ़ियों को पार करना पड़ता है. किले में हनुमान और शिव का मंदिर है. यहां स्थित एक तालाब का पानी इतना साफ़ है कि उसे पिया भी जा सकता है. ये किला जमीन से लगभग 170 मीटर उंचा है.