इंदौर नगर निगम के कर्मचारियों ने कू्ररता की सारी हदें पार कर दी। उन्होंने शहर के कुछ बुजुर्गों पर ऐसा अमानवीय अत्याचार किया, शायद जिसे शब्दों में बयान करना भी मुश्किल हैं। निगम के कर्मचारी शहर के बेसहारा बुजुर्गों को पशुओं की तरह से कचरा गाड़ी में भरकर उज्जैन में शिप्रा नदी के किनारे फेंक आए। जैसे ही लोगों को इस बात की जानकारी हुई तो उन्होंने विरोध की आवाज बुलंद कर दी। इसका परिणाम यह हुआ कि निगम के कर्मचारी 15 से 20 बेसहारा बुजुर्गांे को गाड़ी से वापिस इंदौर शहर ले आए।
वीडियो देखकर दुखी हो गए सोनू
इस वीडियो को देखने के बाद फिल्म स्टार सोनू सूद सभी बुजुर्गों की मदद के लिए आगे आए हैं। उन्होंने कहा है कि यह वीडियो देखकर उनका दिल रो रहा है। लेकिन इससे भी बड़ी बात ये है कि हमें अपने मां-बाप को किसी भी सूरत में घर के बाहर नहीं निकालना चाहिए। इंदौर की घटना को एक सबक की तरह से लेते हुए सोनू ने नगर निगम और सरकार का नाम तो नहीं लिया, मगर इंदौरवासी भाई बहनों से अपील करते हुए कहा है कि कल मैंने एक खबर देखी थी। जिसमें कुछ बुजुर्गों को इंदौर से बाहर ले जाने का प्रयास किया गया था। सोनू ने कहा है कि मैं आप सभी के सहयोग से इन सभी बुजुर्गों को छत देने की कोशिश करना चाहता हूं। वह बुजुर्गों को उनका हक दिलाना चाहते हैं। उनके खाने पीने और रहने का प्रबंध करने का प्रयास करने की कोशिश करना चाहते हैं। लेकिन यह सब बिना इंदौरवासियों की मदद के नहीं हो सकता।
सोनू ने कहा पेश करेंगे बड़ा उदाहरण
सोनू ने इंदौर की घटना का उदाहरण देते हुए युवाओं से अपील की है कि जो बच्चे अपने मां-बाप को अकेले छोड़ देते हैं, यह उनके लिए एक बड़ा सबक होना चाहिए। इसलिए उनकी सभी बच्चों से अपील है कि वह अपने मां बाप को अपने साथ रखें, उनका पूरा ख्याल रखें और उनकी सही तरीके से परवरिश करें। इससे बड़ा पुण्य का कोई दूसरा काम नहीं हो सकता। सोनू सूद ने इंदौरवासियों से अपील की है कि इन बुजुर्गों के लिए ऐसा प्रबंध करके एक उदाहरण पेश करें, जोकि पूरे देश के लिए एक नजीर बन जाए।