New Delhi: कहते हैं जिसने गरीबी को नजदीक से देखा होता है, उसे गरीब लोगों की पीड़ा का अहसास जरूर होता है। आज की स्टोरी ऐसे एक शख्स कि जिनका खुद का जीवन गरीबी के बीच बीता है। पढ़ाई के दौरान पार्ट टाइम जॉब कर वह दिल्ली पुलिस में बतौर कांस्टेबल पद पर लगे। इस जवान का नाम अमित लाठिया है। वह दिल्ली पुलिस में साल 2010 में कांस्टेबल के पद पर लगे थे। लाठिया ने गरीबी देखी थी। इसलिए वह चाहते थे कि गरीब व जरूरतमंद बच्चों की मदद की जाए। जिससे वह भी समाज में अपना नाम कमा सके। इस उद्देशय के तहत उन्होंने सात साल पहले एक मुहिम चलाई। जिसके तहत वह गरीब बच्चों की मदद करने लगे। मजे की बात यह है कि लाठिया के द्वारा आज भी यह मुहिम चलाई जा रही है। इस मुहिम का लाभ उठाते हुए कई बच्चों ने अपना भविष्य बनाया है। और खुशी की जिंदगी बीता रहे हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में
रिक्शा चला रहा था 18 साल का युवक
लाठिया यूं तो हरियाणा के सोनीपत के रहने वाले हैं. वह बताते हैं कि एक दिन वो सोनीपत में कहीं जा रहे थे। इसी दौरान उन्होंने देखा कि एक 18 साल का युवक लंबी दौड़ लगा रहा था, जिसे उन्होंने कई बार देखा था। जब वह उसके पास गए तो पता चला कि वह 12वीं का छात्र हैं और गरीबी के चलते वह रिक्शा खींच रहा है। लाठिया ने विनय की मदद की , और लाठिया की मदद की वजह से विनय हरियाणा पुलिस में तैनात है।
30 बच्चे सरकारी नौकरी में
बताते चले कि बीते सात सालों में लाठिया ने कई गरीब बच्चों की मदद की है। इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि उनके द्वारा मिली मदद से 30 बच्चे सरकारी नौकरी में है।
पूरी सैलरी खर्च करते हैं
लाठिया बताते हैं कि वह बच्चों की देखभाल में अपनी पूरी सैलरी खर्च करते हैं। वह बच्चों को पढ़ाते भी हैं, साथ ही प्रतियोगिता परीक्षा के लिए शारीरिक क्रिया की तैयारी भी करवाते हैं।
सरकारी नौकरी हासिल करे
लाठिया कहते हैं उनका एक सपना है ज्यादा से ज्यादा बच्चे सरकारी नौकरी में जाए। जिसे उनका सपना भी पूरा होगा।