यदि आपके साथ कोई बेवजह दुर्व्यवहार करे या आपको बेवजह मारे तो शायद आपको बर्दाश्त नहीं होगा| लेकिन ऐसा ही लोग उन मूक प्राणियों के साथ करते हैं जिनकी कोई गलती नहीं होती| अपितु यह मूक प्राणी तो अपने उपर हो रहे अत्याचारों का पलट कर जवाब भी नहीं दे सकते| ऐसे में क्या आपने कभी सोचा है कि इन मूक प्राणियों के दिल पर क्या बीतती होगी| लेकिन हमारे बीच एक शख्स ऐसा है जो इन मूक प्राणियों की सुनता है और उनकी पूरी सेवा करता है|
आइए जानते हैं हारिस अली के बारे में
हारिस अली बेंगलुरु के रहने वाले हैं और मूक प्राणी अर्थात कुत्तों से बहुत प्यार करते हैं| आज वह अनेकों कुत्तों की सेवा कर रहे हैं और लोगों से भी मूक प्राणियों के प्रति संवेदना रखने की अपील कर रहे हैं| जिस समय कुत्तों को लोगों द्वारा मरने के लिए छोड़ दिया जाता है उस समय पर हारिस अली उन सभी पीड़ित कुत्तों को नया जीवनदान देते हैं|
बचपन में 2 रूपये थी पॉकेट मनी और इसी पॉकेट मनी से कुत्तों को खिलाते थे खाना
एक साक्षात्कार में हारिस अली ने बताया कि उनके घर के पास कुत्तों का एक परिवार रहता था| हारिस को उनकी सेवा करना बहुत ही पसंद था| उस समय पर हारिस की पॉकेट मनी मात्र 2रूपये थी| हारिस उन्हीं 2 रुपयों से एक बिस्कुट का पैकेट खरीदकर कुत्तों को बिस्कुट खिलाया करते थे|
एक घटना ने दिया सर्वोहम ट्रस्ट का आइडिया
दरअसल एक बार हारिस को एक बीमार कुत्ता मिला जिसके मुंह से झाग निकाल रहा था| हारिस उसे पशु चिकित्सक के पास लेकर गए| उसके बाद हारिस चिंता में थे कि अब वह कुत्ते को आश्रय कैसे दें, कोई भी उनकी मदद करने को तैयार नहीं था| तब दो महिलाएं उनकी मदद के लिए आगे आई| लेकिन हारिस ने सोचा ऐसा कब तक चलेगा वह दूसरों पर आधारित नहीं रहना चाहते थे, इसी कारण से उन्होंने कुत्तों का एक आश्रय स्थल खोल दिया जिसका नाम उन्होंने सर्वोहम रखा|
बचा चुके हैं 2 हज़ार कुत्तों की जान
बता दें कि हारिस ने इस आश्रय स्थल को छोटे पैमाने पर खोला था लेकिन आज यह 12 हज़ार वर्गफुट में फैला हुआ है| यहाँ कुत्तों का पूरा ध्यान रखा जाता है| साथ ही यहाँ कुत्तों का उपचार भी किया जाता है| आज हारिस 2 हज़ार से भी ज्यादा कुत्तों को जीवनदान दे चुके हैं| हारिस द्वारा किए जा रहे इस कार्य को लोगों द्वारा भी खूब सराहा जा रहा है|
source:yourstory