Mumbai लोगों के लिए मसीहा बनकर उनके लिए भलाई के काम करने वाले फिल्म अभिनेता सोनू सूद मुंबई महानगर पालिका यानि कि बीएमसी के लिए आंखों की किरकिरी बन गए हैं। बीएमसी ने सोनू सूद के सभी जनहित के कामों को भुलाकर उन्हें कानून के कठघरे में लाकर खड़ा कर दिया है। सोनू ने भी बीएमसी के नियमों को लेकर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
सोनू सूद पर ये हैं आरोप
बता दें कि बीएमसी ने सोनू सूद पर आरोप लगाया है कि उन्होंने अपनी 6 मंजिला रिहायशी ईमारत को बिना अनुमति के एक होटल में तब्दील कर दिया है। जोकि बीएमसी के अनुसार सरकारी नियमों की उल्लघंना है। इसे लेकर बीएमसी ने सोनू के खिलाफ पुलिस में शिकायत दी है। सोनू पर आरोप है कि उन्होंने जुहू में स्थित अपनी रिहायशी ईमारत को होटल बना लिया और किसी से उसकी अनुमति भी नहीं ली है।
सोनू सूद के वकील ने लगाया आरोप
वहीं सोनू के वकील का कहना है कि उन्होंने कोई भी गलत कार्य नहीं किया है। नियमों व कानून के दायरे में रहकर ही उन्होंने सभी काम किए हैं। उन्होंने बीएमसी पर अपने अधिकारों का गलत उपयोग करने का आरोप भी लगाया है। वहीं बीएमसी का कहना है कि उनके अधिकारियों ने ईमारत का निरीक्षण करने के दौरान पाया था कि सोनू सूद अपने इस रिहायशी ईमारत को होटल के तौर पर तब्दील कर रहे हैं।
नोटिस पर भी नहीं रोका निर्माण
नोटिस देने के बावजूद सोनू सूद ने निर्माण कार्य नहीं रोका, जोकि सरकारी नियमों का उल्लघंन है। इसे लेकर ही बीएमसी ने सोनू सूद के खिलाफ पुलिस को मुकदमा दर्ज करने की शिकायत दी थी। हालांकि पुलिस ने इस मामले में अभी तक कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया है। वहीं दूसरी ओर सूद ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा कर बीएमसी की कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की है। बता दें कि इस मामले की सुनवाई मुंबई हाईकोर्ट के न्यायाधीश पृथ्वीराज चौहान द्वारा की जा रही है।