आचार्य चाणक्य को नीति शास्त्र का विशेषज्ञ ऐसे ही नहीं कहा जाता। वह जब भी कुछ कहते थे तो उनकी बातों को लोग आंख बंद करके मानने में अपनी भलाई समझते थे। यही वजह है कि आचार्य चाणक्य को महान गुरू की संज्ञा भी दी गई है। कहा जाता है कि यदि किसी व्यक्ति को सफलता प्राप्त करनी है तो उसे चाणक्य द्वारा कहे गए वचनों पर चलना चाहिए। गुरू चाणक्य के द्वारा कहे गए वाक्य आज भी प्रासंगिक हैं और लोग उनका अनुसरण अवश्य करते हैं। गुरू चाणक्य ने सफल व्यक्ति के संदर्भ में भी अनेक बातें कही हैं , जिनका लाखों-करोड़ों लोग अनुसरण करते हैं। उन्होंने हमेशा ये बात कही है कि मनृष्य के लिए सफलता हासिल करने से अधिक कठिन उसे बरकरार रखना है। सफल व्यक्ति को अपनी सफलता के बाद भी कई बातों का हमेशा ध्यान रखना चाहिए। यदि मनृष्य इन बातों की उपेक्षा करने लगे तो फिर सफलता उसके साथ अधिक दिनों तक रूक नहीं पाती। इसलिए आपके लिए यह जानना बेहद ही जरूरी है कि सफलता व्यक्ति को क्या क्या नहीं करना चाहिए।
अंहकार की भावना से रहें दूर
आचार्य चाणक्य का कहना है कि मनृष्य को हमेशा ही अपने द्वारा किए गए संघर्ष को अवश्य याद रखना चाहिए। कुछ लोग सफल होने के बाद अपने मन में अहंकार की भावना को पाल लेते हैं। जिसकी वजह से वह दूसरों लोगों का सम्मान नहीं करते। ऐसे व्यक्ति के पास सफलता अधिक समय तक नहीं रूकती है। इसलिए यह बात बेहद जरूरी है कि सफल होने के बाद मनृष्य को अहंकार से दूर रहना चाहिए और हमेशा दूसरों का सम्मान करना चाहिए।
विनम्रता और वाणी में रखें मिठास
कहते हैं कि जिस वृक्ष में अधिक फल होते हैं, वह हमेशा झुका रहता है। गुरू चाणक्य ने इसका अर्थ बहुत ही सरल भाषा में समझाया है। उनका मानना है कि जो व्यक्ति गुणी और सफल होता है, उसका व्यवहार और वाणी भी उतनी ही सरल और मीठी होनी चाहिए। जिस तरह से एक फलदार वृक्ष हमेशा से ही झुका होता है, उसी प्रकार से सफल व्यक्ति को भी अपना स्वभाव उतना ही सरल और मधुर रखना चाहिए। ताकि उनकी वजह से किसी को भी ठेस ना पहुंचें। वैसे भी सरल और मधुर भाषा के व्यक्ति को समाज में सभी लोग आदर व सत्कार देते हैं।
सफल व्यक्ति को मानव हित में करना चाहिए कार्य
गुरू आचार्य कहते हैं कि मनृष्य की सफलता के पीछे समाज का भी बहुत बड़ा योगदान होता है। इसलिए सफल व्यक्ति को भी समाज व मानव हित में हमेशा कार्य करते रहना चाहिए। उनके अनुसार जो व्यक्ति समाज व मानव हित में कार्य करते हैं, उन्हें समाज में मान सम्मान और प्रतिष्ठा हासिल होती है। ऐसे लोगों को सफल होने के बाद दूसरों के काम भी आना चाहिए। इससे समाज में उन्हें विशेष स्थान हासिल होता है। अन्यथा सफलता उनके पास अधिक समय तक नहीं रूकती है।