उपद्रवियों ने दुकान जला दी और ये व्यक्ति अपनी उम्मीदों पर पानी फिरते देखता रहा। पूरी तरह से बर्बाद होने के बाद वापिस अपने देश लौट आया, लेकिन हिम्मत नहीं हारी और यही पर जैसे तैसे एक पिज्जा की दुकान खोल ली। उसकी हिम्मत का धैर्य ने रंग दिखाया और आज वहीं व्यक्ति कई लोगों को ना केवल रोजगार दे रहा है, बल्कि एक रेंस्टोरेंट का मालिक भी बन गया है। इलाके में आज उसके रेस्टोरेंट पर बने पिज्जा की खूब डिमांड है।
गुजरात के बिजल दवे की है यह कहानी
यह कहानी है गुजरात के वडोदार शहर के रहने वाल बिजल दवे की। वह बताते हैं कि नौकरी ना मिलने की वजह से वह अपना देश छोडक़र केन्या चला गया । वहां एक होटल में नौकरी करने लगा। जहां वह बर्तन धोता और सब्जियां काटता था। धीरे धीरे मालिक का विश्वास जीता और फिर वह काऊंटर पर बैठने लगा। जहां उसकी मुलाकात होटल पर खाना खाने के लिए आने वाले एक इटालियन व्यक्ति से हुई।
इस तरह से सीखा पिज्जा बनाना
पहचान बढऩे के बाद वह बिजल की मेहनत से प्रभावित हो गया। उसने दवे को कांगो में अपने पिज्जा रेस्टोरेंट में नौकरी का ऑफर दिया। जिसे स्वीकार कर वह कांगो के शे निकोला रेस्टोंरेट में नौकरी करने लगा। वहीं उसने पिज्जा बनाना सीख लिया और इसके बाद वहीं अपना पिज्जा सेंटर खोलने का मन बनाया। हालांकि उसके मकान मालिक ने सलाह दी कि यह शहर उनके लिए ठीक नहीं है। मगर वह नहीं माना और वहां पिज्जा की दुकान खोल ली। मगर कुछ दिनों बाद वहां एक उपद्रव में उनकी दुकान को जला दिया गया। वह बहुत पछताया भी, मगर कुछ कर नहीं सकता था। लुटपिट कर वह वापिस अपने देश आ गया।
इस तरह से शुरू किया अपना पिज्जा सेंटर
वहां से वापिस आने के बाद वर्ष 2019 में बिजल दवे ने वडोदार में एक छोटी सी जगह किराए पर लेकर किसी तरह से अपनी दुकान खोली ली। जहां उसने इटालियन पिज्जा बनाने का काम शुरू कर दिया। उसका काम अच्छा चल निकला और उसने पांच लोगों को अपने साथ जोड़ लिया और उन्हें रोजगार भी दे दिया। बिजल के रेस्टोरेंट में 45 तरह के पिज्जा बनते हैं और पूरे इलाके में उसके पिज्जा की बहुत डिमांड है। वह हर महीने दो लाख रुपए से भी अधिक की बिक्री कर लेते हैं। जिसमें 25 प्रतिशत तक उनका मुनाफा होता है। इस स्टोरी को बताने का असल मकसद यह है कि हौंसला और धैर्य से बड़ी से बड़ी मुसीबत को भी हराया जा सकता है।