एक ऐसी लडक़ी, जिसकी शरीर की बनावट की वजह से सब उसका मजाक उड़ाया करते थे। स्कूल में सभी लोग उसकी खिल्ली बनाया करते थे, जिसकी वजह से इस लडक़ी को हर समय सहमी और डरी सी रहती थी। लेकिन किसी को पता नहीं था कि एक दिन यही लडक़ी ना केवल अपने परिवार का बल्कि पूरे देश का नाम रोशन कर मजाक उड़ाने वाले लोगों के मुंंह पर ताले लगा देगी। जी-हां ये है एक ऐसी लडक़ी की आपबीती, जिसने अपने उसी शरीर का लाभ लेकर धड़ाधड़ मैडल जीते, जिसकी बनावट को लेकर लोग उनका मजाक उड़ाया करते थे।
बेहद ही हैरान करने वाली है ये कहानी
ये कहानी है कृष्णा जयशंकर की, जोकि आज देश की टॉप डिस्कस थ्रो खिलाड़ी है और इस खेल में उन्होंने कई नेशनल स्तर के मैडल भी जीते हैं। जयशंकर अपनी क्लास में सबसे लंबी थी और उनके कंधे सबसे चौडे थे ,जिसकी वजह से क्लास में सभी लोग उनका मजाक बनाते थे। बॉडी की बनावट की वजह से उन्हें शर्मिदंगी का सामना करना पड़ता था। तब उन्हें यह समझ नहीं आता था कि आखिर वह करे भी तो क्या। मगर उनकी बहन व पूरे परिवार ने बढ़ाया था उनका हौंसला, जिसके परिणाम स्वरूप आज उन्होंने यह कर दिखाया।
कोच ने दी सलाह तो बन गई खिलाड़ी
इस दौरान कृष्णा के कोच ने एक सलाह दी और कहा कि उन्हें डिस्कस थ्रो में अपने शरीर का लाभ लेना चाहिए। इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में कृष्णा जयशंकर ने बताया कि उसने टेनिस और बैडमिंटन में भी अपना लक आजमाने की कोशिश की, मगर उसमें वह सफल नहीं रही। इसके बाद जब उसने अपनी कोच की सलाह मानी तो फिर उसने पीछे मुडक़र नहीं देखा। डिस्कस थ्रो में हाथ आजमाते ही कृष्णा ने अपनी मेहनत के दम पर कई मैडल भी जीतकर उन सभी लोगों के मुंह बंद कर दिए, जो कभी उनका मजाक उड़ाया करते थे।
बास्केट बॉल खिलाड़ी थे कृष्णा के पिता
यह बता दें कि कृष्णा जयशंकर के पिता जयशंकर मेनन बास्केटबॉल के खिलाड़ी थे। उन्होंने मीडिया को बताया कि उसकी रूचि भी बचपन से खेलों में थी। इसलिए उसने टेनिस और बैडमिंटन खेलना शुरू किया, मगर उसमें वह सफल नहीं रही। मगर जब उसने अपने कोच की सलाह पर डिस्कस थ्रो खेलना शुरू किया और उसमें मेहनत की तो फिर उसमें वह पूरी तरह से सफल रही। फिलहाल कृष्णा 17 से 22 अगस्त तक केन्या के नैरोबी में वल्र्ड यू-20 एथलेक्टिस चैम्पियशिप की तैयारी में दिन रात जुटी हुई है। कृष्णा का लक्ष्य है कि वह वल्र्ड कप में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए अपने देश का झंडा फहराए और अपने परिवार का नाम रोशन करे।
कृष्णा से लेनी चाहिए प्रेरणा
कृष्णा जयशंकर की इस आपबीती से यह प्रेरणा मिलती है कि कभी किसी का मजाक नहीं उड़ाना चाहिए। शरीर की बनावट इंसान के हाथ की बात नहीं है। यह कुदरत ही तय करती है कि कौन कैसा होगा और उसका रहन सहन कैसा रहेगा। इसलिए लोगों को कृष्णा से प्रेरणा लेते हुए संकल्प करना चाहिए कि कभी किसी का मजाक नहीं बनाना चाहिए। इस तरह से मजाक बनाने पर किसी के भी मन पर उसका निगेटिव प्रभाव पड़ता है, जिससे उसका पूरा जीवन खराब हो सकता है।