New Delhi: पिता दो साल पहले कैंसर के शिकार हुए। उनके इलाज के दौरान दुकान पर ताला लगाना पड़ा। घर की स्थिति काफी खराब हो चली थी। दो वक्त की रोटी के साथ परिवार के अन्य बच्चों का भविष्य अंधकार में जाते दिखाई दे रहा था। लेकिन परिवार की बेटियों ने इस मुश्किल समय में हार नहीं मानी। उन्होंने पिता की पुरानी दुकान को दोबारा से शुरु किया और मिठाईयां व समोसे बेच कर परिवार का खर्च चला रही हैं। इन बेटियों की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। चलिए जानते हैं इनके बारे में
सबकुछ ठीक था, कैंसर ने छीन ली सारी खुशियां
बताया जाता है कि पप्पू श्रीवास्तव के परिवार में साल 2018 से पहले सबकुछ सामान्य था। दुकान पर पप्पू समोसे व अन्य मिष्ठान चीजे बेचकर परिवार का खर्च चलाते थे। लेकिन साल 2018 के बाद उनका जीवन एकदम से बदल गया। उन्हें मुंह का कैंसर हो गया। हालांकि उन्होंने ऑपरेशन करा लिया।
फिर हुआ फैफड़ों का कैंसर
मुंह के कैंसर का ऑपरेशन कराने के बाद पप्पू को सात माह बाद फैफड़ों का कैंसर हो गया। जिसकी वजह से उसकी दुकान पर ताला लटक गया। परिवार की हालत खस्ता हो गई थी।
जवान बेटियों को उठानी पड़ी अहम जिम्मेदारी
जिन हाथों में कलम कॉपी होनी चाहिए थी। उन हाथों ने दुकान संभालने की जिम्मेदारी ली। बेटी वर्षा 22 साल व 20 साल की नेहा ने दुकान चलाने का काम किया है।
दुकान पर काम किया तो छूट गआ पढ़ाई
पिता के नहीं होने से दुकान बेटियों को चलाना पड़ा। चार बेटियां समय समय पर दुकान पर समय देने लगी। इस कारण बेटियों की ऑनलाइन क्लास भी छूट गई। परिवार को चिंता है कि न जाने कैसा परिणाम आएगा।
बेटियों ने कहा, भाई को बेहतर शिक्षा दिलानी है
पप्पू की बेटियों ने कहा कि हमारा एकमात्र लक्ष्य है कि उनके भाई को शिक्षा लेने के दौरान दिक्कतों का सामना न करना पड़े। वह कहती हैं कि पढ़-लिख कर नौकरी करने पर ही परिवार की स्थिति सुधरेगी। बताया जाता है कि बेटी वर्षा शहर के आरसी डिग्री कॉलेज में बीए की तीसरे साल की स्टूडेंट हैं। वहीं नेहा बीएससी की दूसरे साल की स्टूडेंट हैं। रश्मी इंटरमीडिएट व आकांशा 10वीं की छात्रा हैं।
क्या कहते हैं पप्पू श्रीवास्तव
पप्पू श्रीवास्तव कहते हैं कि उन्हें सरकारी मदद की दरकार है। वह कहते हैं कि दो चार बीघा जमीन का पट्टा मिल जाए। वह कहते हैं कि अभी किसी ओर से मदद की पेशकेश नहीं की गई है। भोगांव के एसडीएम सुधीर कुमार कहते हैं कि परिवार को आर्थिक मदद दी जाएगी।