ये लड़कियां पलक झपकते ही बिजली के खंबों पर चढ़ जाती हैं। उन्हें महारत हासिल है इस काम में । बिजली के खंबों पर चढक़र देखते ही देखते मरम्मत में भी जुट जाती हैं। जी हां ये कोई फिल्म या टीवी सीरियल का हिस्सा नहीं है, बल्कि हकीकत है तेलगांना की पहली महिला लाईन वूमैन की। बिजली विभाग में लाईन वूमैन की नौकरी पाने के लिए इन लड़कियों को काफी संघर्ष करना पड़ा है। इसके लिए उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, इसके बाद उन्हें ये नौकरी पाने में सफलता मिली।
मात्र 20 साल की है ये बिजली लाईन वूमैन
आईए जानते हैं तेलगांना की इन महिला बिजली कर्मियों की कहानी। इस लडक़ी का नाम है बाबुरी सिरिशा । इसकी आयु मात्र 20 साल है। अपनी जिदद और हौंसले के दम पर इस लडक़ी ने बिजली विभाग में पहली महिला लाईन वूमैन का पद सृजित करवाकर इतिहास बनाने में अपना योगदान दिया है।
लाईनमैन की नौकरी को दी चुनौती
तेलगांना दक्षिण बिजली निगम ने विभाग में लाईनमैन की नौकरी निकाली थी। इसमें महिलाओं के लिए आवेदन करना मना था। उनके लिए इस बनाए गए नियम में साफ लिखा गया था कि महिलाओं को 18 फुट ऊंचे खंबे पर चढऩे में परेशानी होती है। इसलिए उनके लिए लाईनमैन की नौकरी हेतु आवेदन करना मना है। पंरतु बाबुरी ने एक अन्य महिला के साथ मिलकर बिजली निगम के इस नियम को हाईकोर्ट में चुनौती दी। उन्होंने हाईकोर्ट से लाईनमैन की नौकरी हेतु लड़कियों को भी समान अवसर देने की मांग की। जिसे हाईकोर्ट ने मान लिया और इस नियम को बदलने के आदेश दिए।
इस तरह से खंबे पर चढक़र पास की परीक्षा
बाबुरी ने इलेक्ट्रीशियन में आईटीआई पास की थी। उसके साथ 8 और लड़कियों ने भी लाईन वूमैन की नौकरी के लिए आवेदन किया था। हाईकोर्ट के आदेश पर जब बिजली निगम ने महिलाओं के लिए भी भर्ती निकाली तो सभी ने इस परीक्षा को पास करके दिखाया। 32 साल की महिला भारती और बाबुरी ने एक मिनट से भी कम समय में बिजली के खंबे पर चढक़र दिखाया और इस परीक्षा को पास कर लिया। भारती ने इस परीक्षा को पास करने का श्रेय अपने पिता को दिया तथा बाबुरी ने इस जीत के लिए अपनी मां को बधाई दी ।
चाचा ने सिखाया ये हुनर
बाबुरी ने बताया कि खंबे पर चढऩा उनके चाचा ने सिखाया था। उसके अनुसार उसकी मां ने उसे पढ़ाने के लिए रात दिन मेहनत की है। पढ़ाई पर आने वाले खर्च को उठाने के लिए उसकी मां ने कुली तक का काम किया है। वह कैसे अपनी मां के संघर्ष और योगदान को भूल सकती है। इस नौकरी को पाने के लिए उन्हें लंबी लड़ाई लडऩी पड़ी है। मगर आज वह खुश हैं कि जो उन्होंने जो सोचा था आखिर वह कर दिखाया है।