वर्तमान समय में ऐसा कुछ नहीं जो महिला न कर सके, आज इस वाक्य को भारत की महिला पायलटों ने सार्थक कर दिया है| आज भारतीय महिला पायलट टीम ने दुनिया की सबसे लंबी उड़ान भरकर इतिहास रच दिया है| महिलाओं के इस अदम्य साहस को पूरा भारत ही नहीं अपितु पूरे विश्व में सराहा जा रहा है| यह सफर बहुत ही रोमांचक था| आइए जानते हैं इस रोमांचक सफर के बारे में|
सैन-फ्रांसिस्को से बेंगलुरु तक का सफर
बता दें कि हाल ही में भारतीय महिला पायलटों ने भारतीय एयरलाइन द्वारा दुनिया की सबसे लंबी उड़ान भरकर इतिहास रच दिया है| यह उड़ान सैन-फ्रांसिस्को से शुरू हुई और नॉर्थ पोल से होते हुए अटलांटिक के रास्ते कर्नाटक के केम्पेगौड़ा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंची| सैन-फ्रांसिस्को से बेंगलुरु तक विमान ने 16 हज़ार किलोमीटर का सफर तय किया है और इस सफर में लगभग 17 घंटे का समय लगा|
महिला पायलटों ने संभाला कार्यभार
इस उड़ान में पूर्ण रूप से महिला कॉकपिट क्रू शामिल थी| इस उड़ान का पूरा कार्यभार महिलाओं ने ही संभाला| इस विमान का नेतृत्व कैप्टन ज़ोया अग्रवाल, कैप्टन पपागरी थनमई, कैप्टन शिवानी और कैप्टन आकांक्षा ने किया| यह सभी वह महिलाएं हैं जो कुछ भी करने का जज़्बा रखती हैं और आज यह पूरा महिला चालक दल अनेकों के लिए प्रेरणास्त्रोत बन चुका है|
नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने दी बधाई
महिला कॉकपिट क्रू के इस साहसी कार्य के लिए नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भी क्रू को बधाई दी और साथ ही इस पूरी विमान यात्रा का ब्योरा भी दिया| अपने ट्वीट में उन्होंने क्रू को पेशेवर, टैलेंटेड और कॉन्फिडेंट कहकर संबोधित किया| इसके अलावा भी अन्य लोगों ने क्रू मेंबर को बधाइयाँ दी|
सफर का हिस्सा बनकर बहुत खुश हूँ: कैप्टन ज़ोया अग्रवाल
बता दें कि कैप्टन ज़ोया अग्रवाल ने इस विमान को लीड किया था| ज़ोया अग्रवाल ने एक साक्षात्कार में बताया कि वह इस सफर का हिस्सा बनकर बहुत खुश हैं और साथ ही वह यह भी कहती हैं कि “हमने न केवल उत्तरी ध्रुव पर उड़ान भरकर, अपितु सभी महिला कॉकपिट क्रू को सफलता दिलाकर इतिहास रच दिया है|”