यदि इंसान कुछ करने की ठान ले तो फिर उसे कोई बड़ी से बड़ी ताकत सफल होने से नहीं रोक सकती। आज हम आपको ऐसे ही एक युवक की हकीकत से रूबरू करवा रहे हैं, जिन्होंने परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक ना होने के बावजूद अपना घर चलाने के लिए ना केवल नौकरी की, बल्कि इस नौकरी के साथ साथ आईएएस की परीक्षा पास की। कर्नाटक के छोटे से गांव में पैदा हुए नागार्जुन ने परिवार की स्थिति ठीक ना होने के बाजवूद इस पहाड़ जैसी चुनौती को अपनी कठिन मेहनत व लगन से पार कर दिखाया है।
नागार्जुन ने पहले पास की MBBS
नागार्जुन ने इंटरमीडिएट की परीक्षा पास करने के बाद मेडीकल का एंटे्रस पेपर दिया और उसे पास कर लिया। इसके बाद नागार्जुन को MBBS में दाखिला मिल गया। MBBS करने के बाद नागार्जुन ने एक अस्पताल में डाक्टर की नौकरी शुरू कर दी। लेकिन MBBS डाक्टर बनने के बावजूद उनका मन इस प्रोफेशन से हटकर कुछ अलग करने का था। लेकिन दूसरी ओर डाक्टर की नौकरी करना उनकी सबसे बड़ी मजबूरी भी थी। उन्हें यह भली भांति पता था कि डाक्टर की नौकरी छोडऩे के बाद उनका परिवार आर्थिक संकट से घिर जाएगा।
IAS बनना चाहते थे नागार्जुन
दरअसल नागार्जुन IAS आफिसर बनना चाहते थे। पंरतु परिवार की बदहाली उनके इस लक्ष्य के बीच में आ खड़ी हुई थी। इसके बावजूद उन्होंने अपनी दोनों जिम्मेदारियों को निभाने का संकल्प लिया। इस तरह से जहां वह नौकरी कर अपने परिवार की जिम्मेदारी का निर्वाहन कर रहे थे, वहीं उन्होंने अपने सपने को साकार करने का हौंसला भी अपने अंदर पाल लिया था।
डाक्टर की नौकरी के साथ की UPSC की तैयारी
इस जज्बे को जीवित रूप देने के लिए नागार्जुन ने डाक्टर की नौकरी के साथ साथ UPSC की तैयारी भी शुरू कर दी। हालांकि इस परीक्षा को पास करने के लिए स्टुडेंट कोचिंग भी लेते हैं। ताकि वह इस कठिन परीक्षा को आसानी से पास कर सकें। मगर नागार्जुन के सामने तो दोहरी कठिनाई थी। इसलिए उन्होंने अपने स्तर पर ही बिना कोचिंग लिए नौकरी के साथ साथ UPSC की तैयारी शुरू कर दी। वह दिन भर नौकरी करते और रात को UPSC की तैयारी करते। पहली बार UPSC के पेपर देने के बाद वह सफल नहीं हुए। पंरतु उन्होंने हौंसला नहीं छोड़ा और दोबारा से सिविल सर्विस की तैयारी शुरू कर दी। कहते हैं कि सफलता एक दिन में नहीं मिलती, मगर एक दिन मिलती जरूर है। नागार्जुन के साथ भी ऐसा ही हुआ और वह दूसरे प्रयास में सफल रहे तथा IAS अधिकारी में सफलता हासिल की।
कठिन मेहनत और समर्पण भाव है जरूरी
नागार्जुन का कहना है कि इस परीक्षा को पास करने के लिए जहां कठिन मेहनत की जरूरत होती है वह इसके प्रति समर्पण भाव बहुत अधिक जरूरी होता है। इनके अलावा जहां से भी सिविल सर्विस के लिए अधिक से अधिक जानकारी जुटाई जा सके वह जरूर हासिल की जानी चाहिए। उनके अनुसार कई बार सफलता मिलने में कुछ वक्त जरूर लग जाता है मगर कठिन मेहनत, जज्बा और हौंसले के साथ साथ दिन रात की लगन के बाद एक दिन सफलता जरूर आपके पीछे आएगी। उन्होंने कहा कि जो लोग सिविल सेवा की तैयारी कर रहे हैं, उन्हें निराश हुए बिना और अपने पक्के विश्वास के साथ तैयारी करनी चाहिए। कड़ी मेहनत के बाद एक दिन सफलता जरूर मिलती है।