मुंबई: जरूरतमंद लोगों के लिए मसीहा बन चुके फिल्म अभिनेता सोनू सूद को मुंंबई महानगर पालिका (बीएमसी) विलेन बनाने पर तुली हुई है। ये हम नहीं कह रहे, बल्कि बीएमसी ने मुंबई हाईकोर्ट में एक शपथपत्र देकर अपनी बात को तस्दीक किया है। बीएमसी ने अदालत में दिए गए शपथ पत्र में कहा है कि अभिनेता सोनू सूद आदतन अपराधी है, जोकि सभी सरकारी नियम व कानूनों को ताक पर रखकर अवैध रूप से एक रिहायशी ईमारत को होटल बनाना चाह रहे हैं।
बीएमसी ने अपने हलफनामे में लगाए ये आरोप
बीएमसी ने दो बार उपनगरीय जुहू में स्थित उनकी रिहायशी ईमारत को होटल बनाने की एवज में नोटिस भी दिए हैं। इसके बावजूद सोनू सूद किसी नियम को मानने के लिए तैयार नहीं हैं। सोनू को पहला नोटिस अक्टूबर और दूसरा नोटिस दिसंबर 2020 में दिया गया है। बीएमसी ने आरोप लगाया है कि सोनू सूद अपनी रिहायशी ईमारत में छह मंजिला होटल बनाना चाह रहे हैं। बीएमसी ने अपने हलफनामे में सोनू सूद को आदतन अपराधी बताते हुए उन पर अवैध रूप से पैसा कमाने का आरोप भी लगाया है।
सोनू ने सभी आरोपों को गलत बताया
बता दें कि सोनू सूद अपनी इस ईमारत में होटल बनाना चाह रहे हैं, जिसके विरोध में बीएमसी यह कार्रवाई कर रही है। हालांकि सोनू सूद के वकील का कहना है कि बीएमसी के सभी आरोप गलत हैं और वह अपने अधिकारों का बेजा इस्तेमाल कर रही है। इन दो नोटिस के विरोध में ही सोनू सूद ने मुंबई हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसकी सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने बीएमसी से उसके आरोपों पर हलफनामा मांग लिया था। इसी मामले में सुनवाई के दौरान इस हलफनामे को लेकर सोनू सूद पर लगाए गए आरोपों की चर्चा हो रही है।