कहते हैं किस्मत बहुत बलवान होती है। मेहनत करने के साथ साथ अपकी किस्मत भी तेज होनी चाहिए। इसके बाद ही आपकी मेहनत रंग ला पाती है। ऐसा ही कुछ दिल्ली के रहने वाले मुदित जैन के साथ भी हुआ। पांच बार यूपीएससी की परीक्षा दी, दो बार फेल हुए और दो बार वह आईपीएस बने, मगर दोनों ही बार उनकी किस्मत ने धोखा दे दिया। इसके बाद पुलिस सेवा में जाने का अपना इरादा उन्हें मजबूरन त्यागना पड़ा।
कई बार दी यूपीएससी की परीक्षा
बार- बार जब उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा दी, तब वह आईएएस की बजाए इंडियन रेवन्यू सर्विस में चुने गए और इस तरह से मुदित जैन आईपीएस बनने की बजाए आईआरएस बनकर अपना व अपने परिवार का नाम रोशन कर रहे हैं।
परीक्षा के लिए छोड़ दिया घर
दिल्ली के रहने व वहीं पर अपनी शिक्षा पूरी करने वाले मुदित जैन ने इंजीनियरिंग की थी। इसके बाद वह एक बड़ी कंपनी में नौकरी करने लगे। परंतु उनके पिता चाहते थे कि उनका बेटा इंजीनियरिंग की बजाए आईएएस अधिकारी बनकर देश की सेवा करे। पिता की इच्छा पूरी करने के लिए मुदित ने नौकरी छोड़ दी। मुदित वापिस दिल्ली आए और यूपीएससी की तैयारी करने के लिए अपना घर छोडक़र एक हॉस्टल में रहने लगे।
मुदित ने पहली बार 2013 में दी परीक्षा
मुदित ने पहली बार वर्ष 2013 में यूपीएससी की परीक्षा दी । वह दो बार असफल रहे, मगर उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। दो बार फेल हुए और बाकि के दो बार वह पास हो गए। यूपीएससी में उन्हें आईपीएस की रैंक मिली। मगर किस्मत को तो कुछ और ही मंजूर था। तीसरी बार में आईपीएस रैंक मिलने के बाद वह टे्रनिंग के दौरान घुटने में चोट लग गई। चोट भी इतनी खतरनाक थी कि वह भविष्य में आईपीएस के लिए टे्रनिंग ही नहीं कर सकते थे।
डाक्टर की सलाह पर बनें आईआरएस अधिकारी
इस पर डाक्टर ने भी उन्हें सलाह दी कि वह आईएएस या फिर आईआरएस के लिए ट्राई करें। इसके बाद मुदित जैन ने किस्मत के सामने घुटने टेक दिए और फिर यूपीएससी की परीक्षा में जुट गए। इसके बाद वह आईआरएस अधिकारी बनकर आज देश की सेवा कर रहे हैं। इस तरह से यह फिर से साबित हो गया कि मेहनत के साथ साथ इंसान की किस्मत भी बलवान होनी चाहिए।