कहते हैं कि यदि आप कुछ करने की ठान लो तो फिर इस मार्ग में आने वाली कोई भी बाधा आपके हौंसले को नहीं तोड़ सकती| आज के दौर में यदि किसी युवा को सरकारी नौकरी या एक बढ़िया नौकरी का ऑफर मिले तो शायद ही वह इस ऑफर को अस्वीकार करेगा| आज कहानी एक ऐसी लड़की की जिसने देश की सेवा के लिए सरकारी और ISRO जैसी बड़ी संस्था की नौकरी को ठुकरा दिया और बन गईं आईपीएस अफसर|
आइए जानते हैं आईपीएस तृप्ति भट्ट के बारे में
आईपीएस तृप्ति उत्तराखंड के अल्मोड़ा ज़िले की रहने वाली हैं और पेशे से आईपीएस अफसर हैं| तृप्ति के परिवार में सभी शिक्षित हैं और शिक्षा को सर्वोपरि मानते हैं| तृप्ति बचपन से ही खुद को देश की सेवा में समर्पित करना चाहती थी और अपनी मेहनत से उन्होंने अपना यह सपना पूरा भी किया| आज तृप्ति अनेकों युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत बन चुकी हैं|
मिल चुके हैं कई बड़ी नौकरियों के ऑफर
बता दें कि तृप्ति ने पंतनगर विश्वविद्यालय से अपनी बीटेक की उपाधि हासिल की| डिग्री को प्राप्त करने के बाद उन्हें कई बड़ी सरकारी और गैर सरकारी कंपनियों में नौकरी करने का अवसर प्राप्त हुआ| इसी के साथ तृप्ति के हुनर और तेज दिमाग को देखते हुए ISRO में भी उन्हें काम करने का मौका मिला, लेकिन वह सिर्फ IPS बन देश की सेवा करना चाहती थी| इसी कारण से उन्होंने इन सभी जॉब ऑफर को मना कर दिया|
IPS बन कर चुकी हैं कई सराहनीय कार्य
तृप्ति ने UPSC की तैयारी करना शुरू कर दिया और कड़ी मेहनत के बाद उन्होंने UPSC की परीक्षा को पास किया और IPS का पद हासिल किया| IPS के प्रशिक्षण के पश्चात तृप्ति की पोस्टिंग देहारादून के विकास नगर में हुई| जहां उन्होंने खनन माफिया के खिलाफ कार्यवाही की| इसी के साथ वह उत्तराखंड के चमोली ज़िले की एसएसपी के साथ साथ SDRF के मुख्य सेनानायक के पद पर भी काम कर चुकी हैं|
अपने कार्यों के लिए मिल चुका है अवार्ड
बता दें कि कोरोना काल में उत्तराखंड पुलिस और SDRF ने जरूरतमंदों की खूब मदद की है| जिसमें तृप्ति ने भी बढ़-चढ़कर भाग लिया और अपना अच्छा प्रदर्शन किया| इस कार्य के लिए तृप्ति को राष्ट्रीय स्तर पर स्कॉच अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है| फिलहाल तृप्ति उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल की कानून व्यवस्था को संभाल रही हैं|