एक बेटी ने अपने पिता की अर्थी को कंधा देकर ना केवल बेटे का फर्ज अदा किया है, बल्कि समाज को भी आईना दिखाया है। यह हदय विदारक खबर हरियाणा के सोहना शहर से आ रही है। जहां एक बेटी ने विपरित हालातों में अपने पिता को कंधा देकर उनकी अर्थी को स्वर्ग आश्रम तक पहुंचाया। पिता को कंधा देकर बेटी ने जिस तरह से अपना फर्ज निभाया है, वह ना केवल खासी चर्चाओं में है, बल्कि मीडिया में उसकी मिसाल दी जा रही है।
पिता का अचानक हुआ निधन, समाज रहा दूर
यह मामला है सोहना कस्बे के वार्ड नंबर-18 के अंतर्गत आने वाले मिर्जावाडा मोहल्ले का। बताया गया है कि इस मोहल्ले में रहने वाले सुनील कुमार पुत्र जगदीश चंद का अचानक स्वर्गवास हो गया। उनका निधन किन कारणों से हुआ, यह तो किसी को पता नहीं चल पाया है, मगर सुनील कुमार को कंधा देने के लिए समाज का कोई भी व्यक्ति नहीं पहुंचा। सुनील कुमार ग्रामीण बैंक में नौकरी करते थे, जबकि उनके परिवार में एक बेटा और एक बेटी भी है। बेटा शहर से बाहर रहता है और उनकी बेटी नेहा गर्ग सोहना के ही निरंकारी कॉलेज में प्रवक्ता के पद पर कार्य करती हैं।
सुनील को कंधा देने के लिए इन सभी ने की मदद
पिता के निधन के बाद जब समाज के लोग उनके घर नहीं पहुंचे, तब नेहा ने अपने कॉलेज के सहयोगियों से मदद मांगी। इस दौरान जब ये खबर शहर में पहुंची तो कई लोग उनकी मदद के लिए पहुंच गए। इनमें से व्यापार मंडल सोहना के प्रधान अशोक गर्ग एवं प्रेस एसोसिएशन के प्रधान ललित जिंदल भी प्रमुख रूप से आगे आए। इन सभी ने सुनील कुमार को स्वर्ग आश्रम ले जाने के लिए जहां पूरा सहयोग किया, वहीं नेहा ने भी अपने पिता की अर्थी को कंधा और मुखाग्नि देकर एक मिसाल कायम कर दी। इस तरह से इन सभी लोगों ने सुनील कुमार का अंतिम संस्कार करवाया। वाह रे समाज, ऐसी बेटी को भी नमन। जिन्होंने सभी मर्यादाओं को दरकिनार करते हुए एक बेटी और बेटे दोनों का ही फर्ज निभाकर इतिहास में अपना नाम दर्ज करवा दिया।