कई बार सोशल मीडिया व इंटरनेट इंसान को बड़ी से बड़ी मुश्किल से बचा लेता है। एक महिला के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। ये महिला टे्रन से जा रही थी, तभी उनके एक महीने के बच्चे को भूख लगी। मगर चलती रेल में बच्चे को दूध कहां से मिले। इससे महिला बच्चे को लेकर काफी अधिक परेशान थी। तभी उन्हें रेलवे एप का ध्यान आया। उन्होंने सोचा कि क्यों ना ट्राई करके ही देख लिया जाए। महिला ने रेलवे ऐप से अपने बच्चे के लिए दूध की रिक्वेस्ट भेजी। हैरत की बात है वह स्वीकार भी हो गई।
रेलवे प्रशासन ने पीडि़त परिवार को पहुंचाई मदद
यह मामला उत्तर प्रदेश का है, जहां एक महिला गंगा सतलुज एक्सप्रेस में अपने एक महीने के बच्चे के साथ सफर कर रही थी। इस दौरान उनके बच्चा भूख से रोने लगा। महिला ने हरदोई में रेलवे ऐप के जरिए बच्चे के लिए दूध पहुंचाने की अपील की। हैरत की बात है कि उनकी यह अपील स्वीकार कर ली गई। जैसे ही रेल स्टेशन पर पहुंची तो वहां पहले से एक अधिकारी मौजूद थे। जिन्होंने महिला को उनके बच्चे के लिए दूध दिया। इस तरह से महिला ने अपने बच्चे को दूध पिलाकर उसकी भूख शांत की, साथ ही उन्होंने रेलवे के अधिकारी का धन्यवाद भी किया।
भूख से रोने लगा बच्चा
बता दें कि गया जिले से यह परिवार लुधियाना जा रहा था। लखनऊ निकलते ही बच्चा जोर जोर से रोने लगा। बच्चे की यह दशा देखकर परिवार बैचेन हो गया। उन्होंने तुरंत रेलवे एप पर मदद मांगी। रेल प्रशासन भी इस एप पर आई मदद के लिए तैयार हो गया। उन्होंने बालामऊ स्टेशन को बच्चे के लिए दूध उपलब्ध करवाने के लिए निर्देश दिया। मगर किसी वजह से स्टेशन द्वारा दूध उपलब्ध नहीं करवाया जा सका। इससे परिवार बुरी तरह से विचलित होने लगा।
कंट्रेाल रूम ने भेजी मदद तो पहुंचा दूध
इसके बाद रेलवे कंट्रोल रूम ने हरदोई स्टेशन को रेल में बच्चे को दूध पहुंचाने के लिए कहा। मैसेज मिलते ही स्टेशन के अधिकारी अंबुज मिश्रा ने बिना देरी किए दूध का इंतजाम किया और जैसे ही रेल ने स्टेशन पर स्टापेज लिया, तत्काल श्री मिश्रा ने परिवार की पहचान करते हुए उन्हें दूध उपलब्ध करवाया। यह देखकर परिवार ने भी राहत की सांस ली और रेल प्रशासन का आभार जताया। बता दें कि इससे पहले भी कई बार रेल मंत्री व रेलवे विभाग को टवीटर के जरिए मदद मांगी जा चुकी है। हैरत की बात है कि एक टवीट पर ही रेलवे ने संबंधित लोगों को समय रहते मदद उपलब्ध करवाई है।