समस्या जिसे हम अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा कह सकते हैं| अमीर हो या गरीब सभी वर्ग के लोग अपने जीवन में किसी न किसी समस्या का सामना करते हैं, बस अलग होता है तो यह कि कोई इन समस्याओं के समाधान को ढूँढने के लिए हिम्मत से काम लेता है तो कोई इन समस्याओं के आगे अपने घुटने टेक देता है| आज कहानी एक ऐसे IRS अफसर की जिन्होंने समस्याओं के आगे हार नहीं मानी और बन गए IRS अफसर
आइए जानते हैं शेखर कुमार के बारे में
शेखर कुमार बिहार राज्य के एक छोटे से गाँव में रहने वाले हैं साथ ही एक IRS अफसर भी हैं| बेशक यह कहने में बहुत आसान है लेकिन एक छोटे से गाँव से लेकर IRS बनने तक का सफर शेखर के लिए बिल्कुल भी आसान नहीं था| लेकिन अपनी कड़ी मेहनत और बुलंद हौंसलों के साथ उन्होंने अपने इस सफर को तय किया और अपनी मंज़िल तक पहुंचे|
पिता की बातों से हुए प्रभावित
बता दें कि शेखर के पिता हमेशा से शेखर से कहते थे कि यहाँ सिर्फ तीन लोगों को ही जाना जाता है पहला पीएम, दूसरा सीएम और तीसरा डीएम| इसलिए वह हमेशा से शेखर को इन्हीं में से एक बनाना चाहते थे| शेखर की शुरुआती शिक्षा हिन्दी में हुई थी लेकिन उनके पिता उन्हें अच्छी शिक्षा देना चाहते थे| इसलिए शेखर का दाखिला अंग्रेज़ी माध्यम स्कूल में कराया गया| शुरुआत में शेखर को अंग्रेज़ी पढ़ने में बहुत परेशानी हुई लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी| उसके बाद धीरे-धीरे आर्थिक स्थितियों से झुझते हुए उन्होंने अपनी स्नातक और स्नातकोत्तर पूरी की|
जैसे-तैसे चल रहा था गुजारा, उसके बाद आई ऐसी स्थिति जिसने बदल दी शेखर की ज़िंदगी
दरअसल एक दुर्घटना में शेखर के माता-पिता दोनों का एक्सिडेंट हो गया और शेखर की माता को पैरालाइज़्ड हो गया और उनके पिता जी कोमा में चले गए| ऐसे में शेखर ने पढ़ाई छोड़ने का ठान लिया था लेकिन उनकी माता ने उनका हौंसला बढ़ाया और फिर शेखर ने अपनी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी लेकिन वह मेन्स परीक्षा में 10 मिनट देरी से पहुंचे और उनका सपना वापस सपना ही रह गया|
माँ ने दिया साथ और बन गए IRS अफसर
एक बार फिर माँ ने शेखर को समझाया और उन्हें कहा कि वह हार नहीं मानें और एक बार फिर प्रयास करे, अपनी माँ की इस बात पर शेखर ने अमल किया और इस परीक्षा में वह सफल हुए और उन्हें IRS ऑफिसर के पद पर चुना गया| अपनी सफलता का कारण वह अपने माता-पिता को बताते हैं और साथ ही वह कहते हैं कि यदि आप सफलता पाना चाहते हैं तो आपको कड़ी मेहनत करनी ही होगी|