कहते हैं कि सफलता के पीछे यदि पड़ जाओ तो फिर वह आपसे अधिक समय तक दूर नहीं रह सकती। यदि आप अपने रास्ते से हटे नहीं तो एक दिन सफलता जरूर आपके पास आएगी। भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी रोशन कुमार के साथ ठीक ऐसा ही हुआ। वह अपनी मंजिल को पाने के लिए लगातार प्रयास करते रहे, मंजिल उनसे दूर भागती रही, मगर उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और वह उसके पीछे हाथ धोकर पड़ गए। इसके बाद एक दिन ऐसा भी आया, जब रोशन कुमार अपनी मंजिल को पाने में सफल रहे।
पांचवीं बार में क्लीयर की यूपीएससी
यह कहानी है लगातार पांच साल तक यूपीएससी की तैयारी में जुटे रहे आईपीएस आफिसर रोशन कुमार की। आईपीएस अफसर बनने का उनका यह सफर खासा लंबा रहा। वह लगातार तैयारी में जुटे रहे, उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अंतत: एक दिन वह सफलता पाने में सफल रहे। दिल्ली नॉलेज टे्रक को दिए एक साक्षात्कार में रोशन कुमार ने बताया कि उन्होंने यूपीएससी की पहली परीक्षा वर्ष 2013 में दी थी। मगर इसमें वह सफल नहीं हुए।
यूपीएससी की तैयारी के साथ-साथ की नौकरी
यूपीएससी की तैयारी के साथ साथ वह अपना परिवार चलाने के लिए नौकरी भी करते रहे। मगर उनके भीतर जो शख्स बैठा था, उसे देश सेवा के लिए सबसे बड़ी सेवा में जाना था और इसलिए वह यूपीएससी की तैयारी में जुटे रहे। दिन भर नौकरी के साथ साथ वह समय निकालकर यूपीएससी की तैयारी करते रहे। इस तरह से वह लगातार पांच बार यूपीएससी की परीक्षा में बैठते रहे। अंत में उन्हें पांचवी बार इसमें सफलता मिली और वह 114 वीं रैंक के साथ यूपीएससी क्लीयर करने में सफल रहे। इस तरह से रोशन कुमार अपनी नौकरी करने के साथ साथ भारतीय पुलिस सेवा में भर्ती होने में सफल रहे।
इस तैयारी के बारे में किसी को ना बताएं
रोशन कुमार ने अपनी अनुभव के बारे में बताया कि नौकरी के साथ साथ यूपीएससी की तैयारी करना बहुत कठिन काम होता है। इस दौरान आपके साथ काम करने वालों की हैल्प मिलना भी बेहद जरूरी होती है। उनकी सहायता के बिना आप इस कठिन काम को करने में सफल नहीं हो सकते। साथ ही इस दौरान सबसे खास बात यह है कि आप इस तैयारी को करते समय यह बात किसी को ना बताएं। अन्यथा तो लोग आपसे बेवजह काफी उम्मीदें पाल लेते हैं, जिससे आपके ऊपर एक बिना बात का प्रेशर बन जाता है। इसलिए यूपीएससी की तैयारी करते समय किसी को इसकी जानकारी ना दें।