जब यह युवक 7 वीं कक्षा में था, तभी से उसके दिल में बीमार, गरीब और जरूरतमंदों की सेवा करने का जुनून था। उसका जूनून इस कदर उसके सिर पर चढ़ा हुआ था कि पिता की बार बार डांट व मार के बावजूद वह अपने सेवा भाव से पीछे नहीं हटा। बाद में बड़ा हुआ तो सब कुछ छोडक़र गरीब व जरूरतमंदों की तीमारदारी में लग गया। जब साईकिल थी तो उसी के सहारे लोगों के लिए दिन रात सेवा करता था और जब किसी ने बाईक दे दी तो उसे एंबुलेंस बना दिया।
एक फोन पर सेवा के लिए रहता है तैयार
अमन एक फोन पर वह लोगों के लिए चौबीस घंटे तैयार रहता है। इस 22 साल के युवक को अब गरीब व बेसहारा लोगों का मसीहा कहा जाने लगा है। मां-बाप ने इसका नाम अमन यादव रखा था। लेकिन जैसे ही उन्हें दुनियादारी की समझ आई तो उन्होंने अपने नाम के साथ कबीर जोड़ लिया और अब वह अपने नाम के साथ कबीर लगाते हैं। इस तरह से इस युवक ने संत कबीर की नगरी को अपनी सेवा भाव का ठिकाना बना लिया है और अपना पूरा नाम अमन कबीर रख लिया है। बनारस की सडक़ों पर अमन कबीर को अपनी बाईक एंबुलेंस पर लोगों की तीमारदारी में लगा हुआ देखा जा सकता है।
बम ब्लास्ट के बाद आया सेवा भाव
इंडिया टाईम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार अमन जब सातवीं में था। तब वाराणसी कचहरी में बम ब्लास्ट हुआ था। ऐसे में उसने कबीरचौरा अस्पताल के बाहर लोगों को तड़पते और मरते हुए देखा। तभी से उसके मन में बेसहारा लोगों की सहायता व सेवा का जज्बा पैदा हो गया। हालांकि पिता इस बात से नाराज रहते थे, मगर अमन ने कभी इसकी परवाह नहीं की। वह हर रोज अस्पताल जाकर लोगों की सेवा करता है। जितना भी यथासंभव हो पाता है, वह उसकी मदद करता है।
अस्पताल के बाहर मिली तो नौकरी तो भी
अमन बड़ा हुआ तो उसे कबीरचौरा अस्पताल के बाहर एक मेडीकल स्टोर पर नौकरी मिल गई। वहां नौकरी करते हुए भी वह अपने सेवा कार्य में जुटा रहा। बीमार, असहाय और सडक़ पर पड़े किसी भी घायल को देखकर वह बिना जात-पात के मानवता के नाते उसे ईलाज मुहैया करवाता है। एक बार एक संत ने उनके सेवा भाव को देखते हुए उसे साईकिल दे दी। इस साईकिल पर वह हर रोज अस्पताल जाता और दिन भर सेवा का काम करता। बाद में उसकी साईकिल चोरी हो गई।
अमन को मिली बाईक तो बना दिया एंबुलेंस
यह देखकर किसी शख्स ने अमन को मोटरसाईकिल दे दी। मोटरसाईकिल मिलते ही अमन ने अपने सेवा कार्यों को रफ्तार दे दी। उसने अपनी मोटरसाईकिल को एंबुलेंस बना दिया। उसमें मेडीकल बॉक्स रखकर जहां भी उसे सडक़ पर कोई घायल दिखाई देता है, वह तत्काल उसे पहले चिकित्सा सहायता देता है और फिर उसकी स्थिति के अनुसार ईलाज उपलब्ध करवाता है।
अपने काम के बूते पाई ख्याति
अमन ने अपने काम व सेवा के बूते पूरे इलाके में अनोखी ख्याति पाई है। लोग उसे सम्मान और प्रतिष्ठा की नजर से देखते हैं। इस काम के लिए उसका मोबाईल फोन 24 घंटे ऑन रहता है। जिसे भी उसकी जरूरत होती है, एक फोन करते ही वह पहुंच जाता है। दिन हो या रात, बारिश हो या तूफान अमन को खबर मिलते ही वह किसी भी जरूरतमंद के पास पहुंच जाता है।
एक रुपए की लेता है सहायता
इस सेवा भाव के बदले वह लोगों से मात्र एक रुपए की सहायता लेता है। इसके लिए अमन ने अपना फोन नंबर भी जारी किया है। यदि आप चाहें तो इस फोन नंबर 8587553080 के जरिए अमन को मात्र एक रुपए की मदद भेज सकते हैं। इस तरह से अमन ने खुद को कबीर बना लिया है और उस महान संत के रास्ते पर चलते हुए सेवा भाव के प्रति खुद को समर्पित कर दिया है। सिटीमेल न्यूज अमन कबीर के सेवा भाव, हौंसले व जज्बे की कद्र करते हुए उसे सलाम करता है।