दो जुडवां बच्चों ने बुजुर्ग महिला की ऐसी की मदद , देखकर लोगों की आंखों में आंसू आ गए। इन बच्चों ने 70 साल की लाचार महिला के चलने में असहाय होते देखकर बिना कहे उनकी मदद के लिए आगे आ गए। राह चलते लोगों ने जब बच्चों का यह शानदार काम देखा तो वह उनकी तारीफ किए बिना नहीं रह पाए। बुजुर्ग महिला ने भी मदद करने पर दोनों बच्चों को आर्शीवाद दिया।
ऐसी थी बुजुर्ग महिला की दयनीय स्थिति
यह मामला है तमिलनाडू के गांव कोटामंगलन है। ये 70 वर्षीय शुभालक्ष्मी चलने में पूरी तरह से नाकाम थी। उनकी यही हालत देखकर बच्चे उनकी मदद के लिए आगे आए और उनकी चलने की दिक्कत को दूर कर दिया। उन्होंने एक ऐसी अजूबा रिक्शा बना दी और महिला को उसमें बिठाकर उनकी मंजिल तक ले गए। दरअसल राज्य सरकार ने ग्रामीणों को पोंगल पर एक गिफ्ट हैंपर देने की घोषणा की। इस गिफ्ट में 2500 रूपए की राशि, 1 किलो चीनी, 1 किलो चावल, 1 साड़ी और धोती दी है,े जोकि लोगों को राशन की दुकान से मिल रहे थे। ये लोग सरकार का यह तोहफा लेने जा रहे थे।
पोंगल का तोहफा लेने जा रही थी महिला
बुजुर्ग महिला शुभालक्ष्मी अपनी बेटी के साथ राशन की दुकान पर जा रही थी। बताया जाता है कि उनकी बेटी की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी। पंरतु रास्ते में महिला की तबियत खराब हो गई और वह चलने में पूरी तरह से लाचार हो गई। तभी वहां से एक महिला वी विनिता अपने दो जुडवां बेटों के साथ जा रही थी। उन्होंने जब इस बुजुर्ग महिला की हालत देखी तो उन्होंने अपने बेटों वि नीतिश और वी नितिन से उनकी सहायता करने के लिए कहा। दोनों बेटों ने आनन फानन में एक रेहड़ी लेकर महिला के लिए मदद का हाथ बढ़ाया।
इस तरह से की बच्चों ने मदद
पहले वह महिला को पोंगल का गिफ्ट दिलवाकर लाए और फिर उन्हें उनके घर तक भी सुरक्षित छोडक़र आए। इसे कहते हैं मानवता। दोनों बच्चों और उनकी मां ने मानवता का पूरा धर्म निभाया और एक लाचार व बुजुर्ग महिला और उनकी बेटी को घर तक पहुंचाया। यह देखकर मौके पर मौजूद लोगों की आंखों में आंसू छलक आए।