आमतौर पर कई लोग संसाधनों के अभाव का हवाला देते हुए अपनी ज़िंदगी में कुछ अच्छा और बड़ा करने से पीछे हट जाते हैं लेकिन इसी के विपरीत कुछ ऐसे लोग भी होते हैं जो संसाधनों के अभाव में भी इतिहास रच देते हैं| आज हम आपको एक ऐसी ही महिला IAS अफसर के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने संसाधनों के अभाव में भी न सिर्फ UPSC को पास किया बल्कि उसमें 17वीं रैंक भी हासिल की| आइए जानते हैं IAS नमामि के बारे में|
युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं नमामि
नमामि बंसल उत्तराखंड के ऋषिकेश की निवासी हैं| साथ ही वह एक मध्यम वर्गीय परिवार से संबंध रखती हैं| आज नमामि अनेकों युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत बन चुकी हैं| नमामि आज IAS अफसर के पद पर कार्यरत हैं| नमामि ने अपनी मेहनत से न सिर्फ UPSC को पास किया है बल्कि उसमें टॉप कर 17वीं रैंक भी हासिल की है| नमामि ने यह सफलता सेल्फ स्टडी के आधार पर प्राप्त की है|
नमामि बचपन से ही पढ़ाई में हैं अव्वल
बता दें कि नमामि बचपन से ही पढ़ाई में रुचि रखती हैं| नमामि ने अपनी 10वीं कक्षा में 93% और 12वीं कक्षा में 95% अंक हासिल किए थे| उसके बाद उन्होंने स्नातक की और विश्वविद्यालय टॉपर बनी| उसी के बाद से नमामि ने UPSC की तैयारी करना शुरू कर दिया और दिन रात कड़ी मेहनत की| एक साक्षात्कार के दौरान नमामि बताती हैं कि वह अपनी सारी पढ़ाई इंटरनेट के माध्यम से ही करती थी| इसके बाद नमामि ने UPSC को पास किया और साथ ही उसमें 17वीं रैंक हासिल की|
बर्तन की दुकान चलाते हैं नमामि के पिता
नमामि के पिता एक छोटी सी बर्तन की दुकान चलाते हैं और वह घर में कमाई का एक मात्र स्त्रोत हैं| नमामि के घर की आर्थिक स्थिति अच्छी न होने के कारण हमेशा से ही उन्हें पढ़ाई के साधनों का अभाव था, लेकिन उन्होंने कभी इस बात को अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया और UPSC को इंटरनेट के आधार पर पास कर अपना और अपने पिता का नाम रोशन किया| आज नमामि के IAS बनने पर नमामि के पिता की खुशी का ठिकाना नहीं है|
राज्यपाल से मिल चुका है स्वर्ण पदक
बता दें कि विश्वविद्यालय टॉपर नमामि को राज्यपाल के द्वारा स्वर्ण पदक से भी नवाजा जा चुका है| नमामि की सफलता से उनकी माता भी अत्यंत खुश हैं और वह नमामि पर गर्व कर रही हैं| नमामि आईएएस के पद पर रहकर उत्तराखंड के साथ साथ राजस्थान में भी अपनी सेवाएँ देना चाहती हैं|