इकरा खान एक ऐसे परिवार से संबंध रखती है, जहां पांच वक्त की नमाज तो पढ़ी ही जाती है, साथ ही उनके घर में भगवान शिव, गणेश, लक्ष्मी जी सहित अनेक देवी देवताओं की मूर्ति भी स्थापित है। वह एक आम हिन्दू परिवार की भांति इन देवी देवताओं की पूजा करते हैं, साथ ही अपने धर्म का सम्मान व आदर करते हुए पांच वक्त की नमाज भी पढ़ते है। अपने हाथ पर भगवान श्रीराम का टेंटू बनवाने वाली इकरा खान ने हाल ही में अयोध्या के राम मंदिर के निर्माण हेतु 11 हजार रुपए की राशि दान के तौर पर भेंट की है।
कानून की पढ़ाई कर रही है इकरा खान
इकरा खान मुगलसराय क्षेत्र की रहने वाली हैं और कानून की पढ़ाई कर रही हैं। मुस्लिम परिवार से होने के बाद भी इकरा ने अयोध्या के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद अपने हाथ पर श्रीराम के नाम का टेंटू भी बनवा लिया। इकरा ने सीएए का समर्थन भी किया है। हाल ही में वह राममंदिर निर्माण के लिए दान देकर चर्चाओं में हैं।
भगवान श्रीराम के दर्शन करना चाहती है इकरा
बता दें कि देश में जहां एक ओर हिन्दू-मुस्लिम के बीच विवाद की एक लकीर खिंची रहती है, वहीं अयोध्या का मुस्लिम समाज श्रीराम मंदिर निर्माण को लेकर बेहद ही खुश बताया जाता है। मंदिर निर्माण को लेकर तेज गति से दान एकत्रित करने का अभियान चलाया गया है। जिसमें देश की बहुत सी हस्तियों ने अपना योगदान दिया है। लॉ स्टुडेंट इकरा खान का कहना है कि वह मंदिर निर्माण से बेहद ही खुश हैं और चाहती हैं कि इस अभियान में हिन्दू समाज की भांति प्रत्येक मुस्लिम परिवार को भी योगदान के लिए आगे आना चाहिए।
सभी देवियों की पूजा करता है इकरा का परिवार
इकरा खान ने यह बताकर भी सभी को हैरत में डाल दिया है कि उनका परिवार मां वैष्णोदेवी और माता विंध्यावासिनी की पूजा करने के लिए भी जाता है। वह सभी धर्मों का आदर और सम्मान करते हैं। जब राममंदिर का भव्य निर्माण होगा तो वह वहां भी दर्शनों के जिए जरूर जाएंगी।
स्वामी जितेंद्रानंद ने की प्रशसंा
अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद का कहना है कि वह इस बात से बेहद ही खुश हैं कि इकरा खान ने मंदिर निर्माण के लिए दान दिया है। स्वामी ने कहा कि इकरा खान पहली ऐसी युवती है, जिसने श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए 11 हजार रुपए का दान दिया है। जोकि अपने आप में सराहनीय कार्य है। इसकी जितनी प्रशंसा की जाए वो कम है। बता दें कि अयोध्या में मंदिर निर्माण के लिए धन संग्रह का अभियान 27 फरवरी तक चलेगा। ये अभियान दो चरणों में चलाया जाएगा। पहले चरण में बड़े दानदाताओं से दान राशि ली जा रही है, इसके बाद ग्रामीण स्तर पर इस अभियान को चलाया जाएगा।