लॉकडाऊन में जहां लोग अपने घरों में कैद होकर रह गए, वहीं कई लोगों ने इस अवसर का भरपूर लाभ भी उठाया। इस विकट समय के दौरान अनेक लोगों ने कुछ नया और प्रेरणादायी काम करने का बीड़ा अपने कंधों पर लिया। ऐसे ही दो बच्चों ने लॉकडाऊन में ऐसा काम कर दिखाया, जिसकी आज खूब चर्चा हो रही है। इन छोटे छोटे बच्चों ने 2100 पेज की संपूर्ण रामायण लिखकर इतिहास बना दिया है। आज इन बच्चों की जमकर चर्चा हो रही है। जिसने भी भाई-बहन की इस जोड़ी के काम को सुना, वही उनकी सराहना किए बिना नहीं रह सका।
2100 पेज में लिखी रामायण
राजस्थान के जालौर में रहने वाले भाई-बहन ने लॉकडाऊन को अपने लिए एक बड़े अवसर के तौर पर लिया। हालांकि सरकार ने लॉकडाऊन में रामायण का प्रसारण भी करवाया, ताकि लोग इस समय का सदपयोग कर रामायण देख सकें। इसी दौरान तीसरी और चौथी कक्षा में पढऩे वाले इस भाई बहन ने रामायण देखकर उसे लिखने का निर्णय लिया। माधव और उसकी बहन अर्चना ने इस दौरान 2100 से भी अधिक पृष्ठों पर रामायण लिखने का बीड़ा उठाया।
परिवार ने बढ़ाया हौंसला
दोनों भाई-बहन ने जैसे ही इस बात का फैसला लिया तो उनके परिवार ने भी उनका हौंसला बढ़ाया। माता-पिता से प्रेरणा मिलते ही माधव और अर्चना ने पेन और पैंसिल की मदद से रामायण लिखने की शुरूआत कर दी। रामायण लिखने के लिए उन्होंने 20 कापियां भर दी और तैयार कर दी पूरी प्रेरणादायी धार्मिक कहानी। उल्लेखनीय है कि रामचरित मानस सात कांड में हैं। इसलिए बच्चों ने भी इसे सात हिस्सों में लिखा है। रामचरित मानस में बाल कांड, अयोध्या , अरण्य,किष्किंधा, सुंदर कांड, लंका और उत्तर रामायण के सात कांड शामिल हैं।
टीवी पर रामायण देखकर आया ख्याल
दोनों बच्चों ने बताया कि कोरोना काल में टीवी पर प्रसारित होने वाली रामायण को देखकर ही उन्हें इसे लिखने का मन हुआ। उन्होंने अपने परिवार से जब इस बात को सांझा किया तो उनसे भी उन्हें प्रेरणा मिली। उनके पिता संदीप जोशी ने इस कार्य के लिए दोनों बच्चों की सराहना भी की। इसके बाद बच्चों ने रामचरित मानस को पढऩा शुरू किया। दोनों ने इसे तीन बार पढ़ा और उसके बाद उसे कागजों में लिखना आरंभ कर दिया। रामायण लिखते-लिखते दोनों भाई बहन को सभी चौपाईयां भी अच्छे से याद हो गई हैं। जिन्हें वह आसानी से सुना भी देते हैं। फिलहाल सभी लोग दोनों बच्चों के इस काम की खूब सराहना कर रहे हैं।