दुनिया में ऐसे भी लोग हैं, जोकि जनसेवा और पशु पक्षियों को खाना खिलाना ही अपना धर्म समझते हैं। ऐसे लोगों को किसी की परवाह नहीं होती और वह अपने धर्मार्थ कार्यों में जुटे रहते हैं। ऐसे ही भले व जनहित के काम करने वाले अच्छे लोगों की वजह से यह सृष्टि चल रही है। ऐसे ही एक शख्स का नाम है अनिल खेरा। पेशे से ज्वैलरी शॉप के मालिक अनिल खेरा की दिनचर्या ही भूखे लोगों को खाना खिलाने व पशु पक्षियों को दाना डालने से शुरू होती है।
कितने भी व्यस्त हो, मगर रूकते नहीं कदम
गुजरात के केशोद शहर के रहने वाले अनिल खेरा आज अपने काम से इतनी लोकप्रियता हासिल कर चुके हैं कि लोग अब उन्हें उनके सेवा कार्यों से भी जानते हैं। चाहे वह कितने ही व्यस्त क्यों ना हो, मगर उन्हें इसकी फिक्र कतई नहीं रहती। वह अपने काम से हर रोज दो घंटे का समय जरूर निकालते हैं। वह हर रोज करीब पांच किलोमीटर के दायरे में जाते हैं और जहां भी उन्हें कोई पशु पक्षी या फिर भूखा आदमी दिखाई देता है, उनके लिए भोजन का इंतजाम करते हैं।
सेवा भाव मे आता है अनिल को मजा
अनिल की खासियत ये है कि उन्हें इस काम में मजा आता है। इसलिए वह पिछले 20 सालों से बिना रूके और बिना थके इस काम को करते आ रहे हैं। वह हर रोज सडक़ पर निकल जाते हैं और पांच किलोमीटर तक जहां भी उन्हें कोई भूखा जानवर, पक्षी मिलता है, उसे वह खाना खिलाते हैं। अनिल खेरा अब तक अपने इस जनहित के कार्य में करीब 60 लाख रुपए तक खर्च कर चुके हैं। उनका कहना है कि भूखे को भोजन करवाना और पक्षी और जानवरों का पेट भरने से बड़ा कोई मानवता का दूसरा काम नहीं है। उनका कहना है कि वह अपने इस काम को लगातार जारी रखेंगे। अनिल खेरा को आज पूरे शहर में लोग जानते हैं तो केवल उनके इस काम से। इस काम की वजह से उन्हें पूरे इलाके में खूब ख्याति भी मिली हुई है।