New Delhi: लंबाई कम रहने की वजह से कई बार लोगों के ताने भी सुनने को मिलते हैं। जिंदगी जैसे मानों बोझ सी लगनी लगती है। समाज बोने लोगों को हीन भावना से देखने लगते हैं। बहरहाल आज हम उन लोगों के लिए एक ऐसी महिला की स्टोरी लेकर आए हैं, जो खुल लंबाई में छोटी जरूर हैं। लेकिन उन्होंने कभी अपनी लंबाई को अपनी सफलता के बीच नहीं आने दिया। उन्होंने जीवन में कड़ा संघर्ष कर जो मुकाम हासिल किया है। उसे देखकर आप भी कहेेंगे .. बोना होना पाप नहीं, बल्कि बोने लोग भी सफलता की सीढ़ी चढ़ सकते हैं। बस उन्हें प्यार से गाइड करने की जरूरत है। चलिए जानते हैं इस महिला के बारे में जिन्होंने अपनी मेहनत के दम पर यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा पास कर आईएएस अफसर बनी। आईएएस अफसर महिला का नाम आरती डोगरा है। चलिए जानते हैं इनके बारे में
यहां की रहने वाली है आरती
आईएएस आरती डोगरा उत्तराखंड की रहने वाली हैं, और उनका बचपन काफी संघर्षपूर्ण रहा है। इसकी वजह उनकी 3 फुट 2 इंच लंबाई रही है। वह बताती हैं कि बचपन में डॉक्टरों ने भी कहा था कि वह सामान्य स्कूल में नहीं पढ़ पाएंगी।
परिवार का मिला सहयोग
भले ही लोगों ने आरती की लंबाई का मजाक बनाया। परंतु उनके पिता जो कि कर्नल थे। और मां जो खुद एक स्कूल में प्रिंसिपल थी। उन्होंने कभी भी हिम्मत नहीं हारी। आरती के माता-पिता ने उन्हें सामान्य स्कूल में भेजा साथ ही खेलकूद सहित अन्य गतिविधियों में भाग लेने के लिए तैयार किया। आरती खुद बताती हैं कि उनके माता-पिता ने काफी सहयोग किया है। वह बताती हैं कि उन्होंने छात्र राजनीति में भी हिस्सा लिया था। साथ ही छात्रसंघ चुनाव भी जीता था। वह बताती हैं कि उन्होंने स्नातक की पढ़ाई करने के बाद पीजी देहरादून से की।
कलेक्टर से हुई मुलाकात और बदली जिंदगी
आरती बताती हैं कि उनकी मुलाकात एक दिन देहरादून की कलेक्टर मनीषा से हुई। जिसे बाद उनकी जिंदगी बदल गई। वह बताती हैं कि मनीषा ने उन्हें काफी प्रेरित किया। इसके बाद मैंने भी फैसला किया कि मनीषा की तरह कलेक्टर बनूंगी।
आईएएस बनने के लिए परिवार का मिला सहयोग
आरती बताती हैं कि उन्होंने यूपीएससी की तैयारी करना शुरु कर दिया। इस दौरान परिवार का भी सहयोग मिल रहा था। इसी का नतीजा यह रहा है कि आरती ने अपने पहले प्रयास में ही कठिन परीक्षा मानी जाने वाली यूपीएससी पास कर आईएएस बनी। वह 2006 बैच की आईएएस अफसर हैं।