इस युवक ने 18 साल की उम्र में ऐसा स्टार्टअप शुरू किया कि वह तीन साल में 20 करोड़ रुपए के टर्नओवर पर पहुंच गया। यह पॉजीटिव स्टोरी है दिल्ली के रहने वाले 23 वर्ष के युवक सनी गर्ग की। सनी ने तीन साल पहले योरशेल नाम से एक स्टार्टअप कंपनी की शुरूआत की। यह कंपनी दिल्ली में बाहर से पढऩे के लिए आने वाले स्टुडेंट को एक बढिय़ा और व्यवस्थित पीजी उपलब्ध करवाती थी। तीन साल के अंदर ही सनी का यह बिजनेस ग्रोथ करते हुए 20 करोड़ रुपए के टर्नओवर तक पहुंच गया।
योरशैल को किसी अन्य कंपनी ने खरीद लिया
हैरत की बात है कि सनी के इस स्टार्टअप को एक ऐसी कंपनी ने खरीद लिया, जोकि कॉलेज स्टुडेंट को पीजी उपलब्ध करवाती थी। अपनी कंपनी को बेचने के बाद मिले पैसों से सनी ने फिलहाल अपनी कॉलेज फ्रेंड शेफाली जैन के साथ नया स्टार्टअप शुरू किया है, जिसका नाम रखा गया एई सर्किल। अपने इस नए बिजनेस के जरिए सनी उन लोगों की मदद कर रहे हैं, जिन्होंने अपना नया स्टार्टअप शुरू किया है। सनी और शेफाली उन सभी लोगों को अपना काम स्थापित करने में मदद भी करते हैं तथा उनकी मुश्किलों को दूर भी करते हैं।
सनी ने समझी स्टुडेंट की प्रॉब्लम
सनी बताते हैं कि कॉलेज के दिनों में उन्होंने बाहर से आने वाले छात्रों की प्राब्लम को समझा। उन्हें सबसे अधिक दिक्कत एक बढिया पीजी के लिए आती थी। इसे देखते हुए उन्होंने अपने कुछ दोस्तों की मदद से कुछ लोगों को हायर किया और कई पीजी से संपर्क कर कॉलेज के बाहर पोस्टर लगवा दिए। उन्हें इस काम में काफी लाभ हुआ और 2500 से भी अधिक स्टुडेंट की वह मदद कर पाए। इससे उन्हें तीन सप्ताह के भीतर ही करीब आठ लाख रुपए तक का लाभ हुआ।
अच्छा नहीं रहा अनुभव, लिया 35 लाख का लोन
हालांकि उनका यह अनुभव अच्छा नहीं रहा और उनके पास बच्चों के फोन आने लगे तथा पीजी में समस्याओं की वजह से उन्हें बहुत खरी खोटी भी सुननी पड़ी। तब उन्हें समझ आया कि अच्छे पीजी उपलब्ध करवाना ही असली समस्या का समाधान है। इसके बाद उन्होंने इस दिशा में काम करना शुरू किया। सबसे पहले उन्होंने प्रधानमंत्री योजना के स्टैंडअप इंडिया-स्टार्टअप इंडिया के अंतर्गत बैंक से 35 लाख का लोन लिया और कुछ रुपया बाजार से उठाया। इस रकम से उन्होंने 150 बैड का पीजी तैयार करवाया। इसका उन्हें बहुत अच्छा रिस्पांस मिला और देखते ही देखते उनके सभी बैड फुल भी हो गए।
योरशैल में उनके तीन और दोस्त
योरशैल बिजनेस में उनके साथ शेफाली जैन, विशेष कुमार, गाौरव भी संस्थापक के तौर पर शामिल थे। हालांकि इस दौरान उनका इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस में दाखिल भी हुआ, मगर इस बिजनेस की वजह से वह हैदराबाद नहीं जा सके। इससे उनके घर वाले खासे नाराज हुए। फिलहाल उनका योरशैल एक अन्य कंपनी द्वारा खरीदा जा चुका है। लॉकडाऊन से पहले ही ऐसा हो गया था और वह सभी बच गए। फिलहाल वह नई कंपनी के माध्यम से परेशान व मुसीबत में फंसे लोगों की मदद कर रहे हैं।