आपने अक्सर पुलिस वालों को अपराधियों के पीछे भागते हुए देखा होगा। उनसे अभद्र भाषा में बात करने की स्टाईल भी लोगों के बीच पुलिस की छवि पर अनेक सवाल खड़े करती है। थाने में पुलिस वालों को देखकर लोग उनसे मिलने से भी कतराते हैं। लड़कियां उनसे दूर भागती दिखाई देती हैं। लेकिन इन धारणाओं और पुलिस की छवि से अलग हम एक ऐसे पुलिस वाले की कहानी लेकर आए हैं, जोकि अपनी डयूटी से फुर्सत मिलते ही बच्चों को उनके स्कूल में पढ़ाने के लिए पहुंच जाते हैं।
धनबाद में हैं ये अनोखे थानेदार साहब
ये थानेदार हैं झारखंड के धनबाद में। पुलिस की अपनी डयूटी समाप्त करने के फौरन बाद ये थानेदार महोदय एक शिक्षक का रूप धारण कर लेते हैं और पुलिस की वर्दी में ही बालिका विद्यालय में बच्चों को पढ़ाने पहुंच जाते हैं। लॉकडाऊन के बाद अब धीरे धीरे स्कूल भी खुलने लगे हैं। धनबाद के मोदीडीह बालिका उच्च विद्यालय में वहीं के थाने में तैनात थानेदार पंकज वर्मा का उद्देश्य प्रत्येक घर को शिक्षा की लौ से जोडऩा है। अपने इसी अभियान के अंतर्गत पंकज वर्मा अपनी डयूटी समाप्त कर स्कूल में बच्चों को पढ़ाने के लिए पहुंच जाते हैं।
बच्चियों को गणित पढ़ाते हैं थानेदार साहब
पंकज वर्मा बच्चियों को गणित का विषय पढ़ाते हैं और उन्हें अच्छी तरह से समझाते भी हंै। बच्चों को भी थानेदार सर द्वारा पढ़ाया गया विषय अच्छी तरह से समझ आता है। उनकी पढ़ाने की शैली से बच्ची बेहद प्रभावित हैं। स्कूल के प्रिंसीपल सतीश वर्मा ने बताया कि थाना प्रभारी पंकज वर्मा ने उनसे बात की और 10 वीं क्लास की छात्राओं को पढ़ाने की इच्छा जताई। उनकी भावना को देखते हुए उन्होंने इसकी अनुमति दे दी। प्रिंसीपल की अनुमति मिलते ही वह स्कूल पहुंचे और बच्चियों को गणित का सब्जेक्ट पढ़ाने लगे।
हर किसी को शिक्षित करना चाहते हैं पंकज वर्मा
थानेदार पंकज वर्मा मूल रूप से कोडरमा जिले के मरकच्चो गांव के रहने वाले हैं। थानेदार वर्मा बचपन से ही पढ़ाई को खास महत्व देते हैं। उनकी इच्छा रहती है कि प्रत्येक व्यक्ति को शिक्षा अवश्य ग्रहण करनी चाहिए। पुलिस की नौकरी में आने से पहले पंकज वर्मा अपना एक एजुकेशन कोचिंग सेंटर भी चलाते थे। पंकज वर्मा कहते हैं कि उनके मन में हमेशा यह रहता है कि सभी को शिक्षा ग्रहण करनी चाहिए। ताकि कोई अशिक्षित ना रहे। इसलिए अपने अभियान को लेकर वह स्कूल में बच्चियों को शिक्षा देकर बेहत संतुष्ट महसूस कर रहे हैं।