इन दिनों पूरी दुनिया में प्लास्टिक का कचरा लोगों के लिए सिरदर्द बना हुआ है। इस प्लास्टिक कचरे को निपटाने के लिए तरह तरह के प्रयोग किए जा रहे है। कभी इस कचरे से सडक़ बनाने का प्रयोग किया जा रहा है तो कभी उसे निर्माण सामग्री के रूप में इस्तेमाल करने की तैयारी की जा रही है। मगर इसी प्लास्टिक कचरे को चार दोस्तों ने इस तरह से प्रयोग में लाने की अनोखी मिसाल कायम की, जिसके बाद उनका नाम चारों ओर सुर्खियों में आ गया।
पांच लाख बोतलों से कर दिखाया ये काम
इन चार दोस्तों ने प्लास्टिक की बोतलों से शानदार और खूबसूरत होटल बनाकर दिखाया है। इसके लिए इन सभी ने पांच लाख बोतलों का इस्तेमाल किया। इन दोस्तों के इस लगजरी होटल की चारों ओर चर्चा हो रही है। अंडमान निकोबार द्वीप पर रहने वाले 31 साल के जोरावर डाईविंग प्रशिक्षक के तौर पर काम कर रहे थे। बाद में वह गाईड के रूप में भी लोगों को घुमाने का काम करने लगे। इस दौरान द्वीप पर हर जगह लगे प्लास्टिक की बोतल व अन्य कचरे को देखकर चितिंत रहते थे। द्वीप पर इस कचरे को निपटाने की कोई भी व्यवस्था नहीं है।
तब इन दोस्तों को आया अनोखा आईडिया
तब उसने अनोखा सोचा और अपने तीन और दोस्तों अखिल वर्मा, आदित्य और रोहित के साथ मिलकर कचरे में पड़ी हुई खाली बोतलों से होटल बनाने की प्लानिंग की। इस अनोखे आईडिए को अमल में लाने के लिए चारों दोस्तों ने खूब रिसर्च की और देखते ही देखते पांच लाख बेकार बोतलों से एक शानदार रिसोर्ट बनाकर तैयार कर दिया। होटल बनाने के लिए जोरावर ने प्लास्टिक की बोतलों को इस्तेमाल करने के लिए उसमें रेत औ धूल भरवाई तथा ईंटों की जगह उनका इस्तेमाल किया। ईंट के मुकाबले बोतल कई गुणा अधिक मजबूत होती है।
कबाड़े की रबड़ से बनाया फुटपाथ
इसके अलावा जोरावर व उसके दोस्तों ने बेकार रबड़ का इस्तेमाल करने का भी निर्णय लिया और करीब पांच सौ किलो रबड़ इकठ्ठा कर उससे रिसोर्ट में चलने के लिए फुटपाथ बना दिया। इस भव्य व शानदार लुक वाले रिसोर्ट को बनाने में उन्हें एक करोड़ रुपए की लागत लगानी पड़ी। लेकिन अब इनका रिसोर्ट शानदार तरीके से चल रहा है। जिसमें उनकी अच्छी कमाई भी हो रही है। हालांकि लॉकडाऊन में उन्हें नुक्सान भी झेलना पड़ा है।