आईएएस और आईपीएस अधिकारी को देश में सबसे अधिक पावरफुल माना जाता है। राजनीति हो या फिर प्रशासनिक कार्य, इन अधिकारियों की तूती ही बोलती है। बड़े से बड़े बिजनेसमैन और राजनेता भी इन अधिकारियों के इशारे पर चलते हैं। यही वजह है कि देश में इनका लोहा माना जाता है। रिलायंस कंपनी के चेयरमैन भी आईएएस अधिकारियों से इतने प्रभावित हैं कि उन्होंने अपने गु्रप में विशेष तौर पर नियुक्ति देकर उन्हें करोड़ों रुपए के सैलरी पैकेज दे रहे हैं।
इंजीनियरिंग छोड़ बन रहे हैं आईएएस
आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के रूतबे को देखकर ही आज के युवा देश इस सबसे कठिन परीक्षा के प्रति आकर्षित हो रहे हैं। यही वजह है कि हाल ही में कई युवाओं ने इंजीनियरिंग की नौकरी छोडक़र यूपीएससी की ओर रूख किया है और आज आईएएस व आईपीएस अधिकारी बनकर देश की सेवा कर रहे हैं।
इन लोगों ने छोड़ी इंजीनियरिंग और बनें आईएएस
हाल ही में यूपीएससी 2019 में चुनकर आए कई ऐसे अधिकारी हैं, जोकि इंजीनियरिंग छोडक़र आए हैं। इनमें से 6 युवा आईएएस को केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने कैडर आवंटित किए हैं। उन्हें छत्तीसगढ़ राज्य में सेवा के लिए नियुक्ति दी गई है। इनमें से अधिकांश ऐसे युवा हैं, जोकि इंजीनियरिंग करने के बाद यूपीएससी की परीक्षा को पास करके आईएएस बनें हैं। छत्तीसगढ़ कैडर में आए आईएएस अधिकारियों का नाम अभिषेक कुमार, प्रीतक जैन, कुमार विश्वरंजन, श्वेता सुमन, सुरूचि सिंह और हेमंत रमेश नदंनवार है। इनमें से अभिषेक कुमार ने आईआईटी खडग़पुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की है। उनके पिता भी इंजीनियर हैं। अभिषेक को वर्ष 2019 में 73 वीं रैंक हासिल हुई थी।
यूपी की श्वेता ने किया है एमटेक
उत्तर प्रदेश की निवासी श्वेता सुमन को 413 वीं रैंक हासिल हुई है। उनके माता-पिता वैज्ञानिक रहे हैं। श्वेता ने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से एमटेक किया है। आईएएस बनने से पहले श्वेता एक प्राईवेट कंपनी के साथ रिसर्च के काम में जुटी हुई थीं।
भुवनेश्वर आईआईटी गुवाहटी से पासआऊट हैं
भुवनेश्वर कुमार विश्वरंजन मूल रूप से ओडिशा के रहने वाले हैं। उनके पिता भुवनेश्वर में ही एक छोटी सी कपड़े की दुकान चलाते हैं। भुवनेश्वर ने आईआईटी गुवाहटी से डिग्री हासिल की है। उन्हें वर्ष 2019 में यूपीएससी में 182 वीं रैंक हासिल हुई है। दो साल पहले भी उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा दी थी, तब उनका इंडियन रेलवे एकाऊंट सर्विस में चयन हुआ था। पंरतु उन्होंने यूपीएससी दोबार से क्रेक कर आईएएस अधिकारी की रैंक हासिल करने में सफलता हासिल की है।
आईएफएस चुने जा चुके हैं हेमंत
हेमंत रमेश मूल रूप से महाराष्ट्र के भंडारा के रहने वाले हैं। वहां उनका कपड़ों का बिजनेस है। शुरू से ही पढ़ाई में होशियार रहे हेमंत ने दूसरी बार यूपीएससी पास की है। इससे पहले वह भारतीय वन सेवा के लिए चुने जा चुके हैं। मगर आईएएस बनने के लिए हेमंत ने दोबारा से यूपीएससी क्रैक किया और 882वीं रैंक के साथ छत्तीसगढ़ में आईएएस अधिकारी के रूप में नियुक्ति मिली है। इसी प्रकार से दिल्ली की रहने वाली सुरूचि सिंह ने वकालत की पढ़ाई की है। उन्होंने बेंगलूरू से लॉ ग्रेजुएट किया है।