लोग सही कहते हैं कि काबलियत कोई धर्म, ऊंच- नीच या फिर जाति-पाति नहीं देखती। होनहार लोग खुद ही अपनी काबलियत और हुनर के दम पर सामने आ जाते हैं। ऐसा ही एक शानदार उदाहरण पेश किया है मैसूर के हुनसुर में रहने वाले एक आदिवासी परिवार की बेटी ने। इस होनहार बेटी का नाम है सुजाना पीवी, जोकि पाणि येरवा समुदाय से ताल्लुक रखती हैं, जिनकी आबादी बहुत ही कम है। इस समुदाय को प्रदेश में सबसे कमजोर व सूक्ष्म आदिवासी समुदाय के तहत ही गिना जाता है। इसकी आबादी के तहत मात्र मुठठी भर परिवार ही इलाके में रहते हैं।
छोटे कद की बेटी ने किया बड़ा काम
छोटे कद की और बड़ा काम करने वाली सुजाना पीवी इस समुदाय से संबंधित होने के बावजूद एक होनहार बेटी है, जिसने अपनी काबलियत और शिक्षा के दम पर ना केवल अपना बल्कि अपने समुदाय का नाम भी रोशन किया है। बालेकोवू हादी नामक गांव में कोई स्कूल नहीं था। इसलिए सुजाना अपने दादा के पास हुनसुर में रहने के लिए चली गई। उसके दादा वहां वन विभाग में गु्रप डी के कर्मचारी के तौरद पर काम करते थे। इसलिए सुजाना ने वहां रहकर ही अपनी शिक्षा पूरी की।
इस तरह शिक्षा पूरी की
वर्ष 2019 में सुजाना ने मैसूर यूनिवर्सिटी से अपनी एम.कॉम. की शिक्षा पूरी की। इसके बाद सुजाना ने वर्ष 2020 में नेट (NET) परीक्षा की बेहतरीन तैयारी करते हुए उसे अच्छे नंबरों से पास कर लिया। इसके बाद सुजाना को सहायक प्रोफेसर के पद के लिए खुद को नामित करने लायक बना लिया। मीडिया से बात करते हुए सुजाना कहती हैं कि वह जिस समुदाय से ताल्लुक रखती हैं, वहां शिक्षा को लेकर ना तो कोई जागरूकता है और ना ही उन्हें ऐसी सुविधाएं मिलती हैं। उन्होंने अपनी पढ़ाई के लिए बहुत संघर्ष किया है। इस तरह से वह अब पोस्ट ग्रेजुएशन के साथ साथ नीट की परीक्षा भी पास कर चुकी हैं। अब वह पीएचडी करना चाहती हैं।
करना चाहती हैं UPSC
सुजाता कहती हैं कि पीएचडी करने के बाद वह यूपीएससी की परीक्षा पास कर आईएएस अधिकारी बनने का सपना देख रही हंै। बता दें कि सुजाना ने नीट की परीक्षा पास करके एक इतिहास बना दिया है। वह प्रदेश के आदिवासी समुदाय की पहली बच्ची है,जिसने यह उपलब्धि हासिल की है।
बेटी पर है गर्व
सुजाना के माता पिता कहते हैं कि यह परीक्षा पास करके उनकी बेटी ने एक इतिहास बना दिया है। उनकी बेटी ने उनका सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है। उनकी बेटी इस समुदाय की पहली लडक़ी है, जिसने उच्च शिक्षा हासिल कर उनके समाज का नाम रोशन किया है। उन्हें उम्मीद है कि अब उनकी बेटी समुदाय के अन्य बच्चों को भी शिक्षित करने का अभियान चलाएगी।