कई लोगों को लॉकडाऊन ने बहुत दुख दिया तो कईयों ने इस समय का भरपूर उपयोग भी करके दिखाया। इन लोगों ने इस खाली टाईम का उपयोग ऐसे किया, कि आज वह कामयाबी के झंडे गाड़ रहे हैं। इन्हीं युवाओं में एक नाम है प्रथमेश का, जिन्होंने अपने अनोखे आईडिए को इस्तेमाल में लाकर ऐसा काम कर दिखाया, जिसकी आज चारों ओर जमकर प्रशंसा हो रही है।
कबाड़े का किया इस्तेमाल
कर्नाटक के बेलगाम जिले में रहने वाले प्रथमेश ने घर के एक कमरे में पड़े कबाड़े को अपने लिए ना केवल उपयोगी बना लिया, बल्कि उससे एक ऐसा अविष्कार भी कर दिखाया, जिसे देखकर लोग हैरान हैं तो परिवार वाले गर्व की अनुभूति कर रहे हैं। प्रथमेश के पिता को अपने बेटे के इस कारनामे पर गर्व हो रहा है।
दसवीं में पढ़ते हैं प्रथमेश
प्रथमेश फिलहाल दसवीं कक्षा में पढ़ रहे हैं। कोविड-19 के चलते जब वह अपने घर में ही थे, तब उन्होंने सोचा कि क्यों ना इस समय का बेहतर इस्तेमाल किया जाए। यह सोचकर प्रथमेश ने एक बाईक बनाने की सोची। इसके लिए उसने घर में पड़े कबाड़े का इस्तेमाल करने के लिए भरपूर दिमाग लगाया। हालांकि बाईक तो सभी बना सकते थे, मगर इस बच्चे ने इलेक्ट्रिक बाईक बनाने की जुगत लगाई। देखते ही देखते प्रथमेश ने कबाड़ से इलेक्ट्रिक बाईक तैयार कर दी।
40 किलोमीटर चलती है बाईक
प्रथमेश ने अपनी इस बाईक को इलेक्ट्रिक तौर पर बनाने के लिए काफी मेहनत की। इसके परिणाम स्वरूप जब यह बाईक तैयार हुई तो पूरे इलाके में उसकी खबर फैल गई। प्रथमेश की यह बाईक एक बार चार्ज होने के बाद 40 किलोमीटर तक चलती है। प्रथमेश के पिता पेशे से इलेक्ट्रिशियन हैं। जब उन्होंने यह बाईक देखी और उसका ट्रायल लिया तो वह भी अपने बेटे की प्रशंसा करते हुए भाव-विभोर हो गए।