महिलाएं आज किसी भी क्षेत्र में पुरूषों के मुकाबले कम नहीं हैं। कई मामलों में तो कम होने की बात दूर है, वह पुरूषों से भी आगे निकल चुकी हैं। आज हम आपको एक ऐसी ही महिला से अवगत करवाने जा रहे हैं, जिन्होंने अपने हौंसल, जूनून और साहस के बल पर लाखों महिलाओं के लिए प्रेरणा स्त्रोत बनकर दिखाया है।
आयशा की है ये बड़ी उपलब्धि
मूलरूप से कश्मीर की रहने वाली 25 साल की आयशा ने देश की सबसे कम उम्र की महिला पायलट बनने का गौरव हासिल किया है। आयशा की इस उपलब्धि को देश में आश्चर्य के तौर पर देखा जा रहा है। आयशा ने अपनी हिम्मत और मजबूत इरादों के दम पर इस कामयाबी को हासिल किया है। आज वह ना केवल कश्मीर बल्कि देश की करोड़ों महिलाओं के लिए एक नजीर पेश कर रही हैं। आयशा के पिता मुंंबई से और मां जम्मू कश्मीर की रहने वाली हैं।
बचपन से ही था बड़ा काम करने का सपना
आयशा को बचपन से ही कुछ अलग काम करने का जूनून था। इसके चलते ही साल 2011 में मात्र 16 साल की उम्र में आयशा ने पायलट स्टुडेंट के तौर पर लाईसेंस हासिल कर लिया था। अगले ही वर्ष यानि कि 2017 में आयशा ने रूस के एयरबेस में मिग-29 उड़ाने की टे्रनिंग हासिल कर ली थी। उसी साल उन्हें बाम्बे फ्लाईंग क्लब से व्यवसायिक तौर पर पायलट का लाईसेंस प्राप्त हो गया था। इसे आयशा की असाधारण सफलता कहा जा सकता है।
कश्मीर में तरक्की कर रही हैं महिलाएं
देश की सबसे कम उम्र की पायलट बनने वाली आयशा का कहना है कि कश्मीर में रहने वाली महिलाओं ने भी पिछले कुछ सालों में विकास की राह पकड़ी है। घाटी में रहने वाली अनेक महिलाएं पोस्ट ग्रेजुएट कर रही है तो कई डॉक्टरेट की उपाधि हासिल करने की कोशिशों में जुटी हैं। इसे कश्मीर की महिलाओं के विकास की दिशा में उठाया गया पॉजीटिव प्रयास ही कहा जाएगा। उन्होंने कहा कि उन्हें हवाई यात्रा करना बहुत अच्छा लगता है। इस पेशे में रहते हुए नए नए लोगों से मुलाकात व दूर देशों की यात्राएं करने का अवसर प्राप्त होगा, जोकि उनके सपने को सच करने जैसा है।