प्रतिभाशाली इंसान अपने बल पर उन ऊंचाईयों को छू लेता है,जिसका वह सपना देखता है। ऐसा ही साबित कर दिखाया है बिहार के बेटे सचिन कुमार ने। जिनका जीवन गरीबी में बीता, मगर फिर भी उनमें कुछ कर गुजरने का जज्बा था। इसलिए सचिन ने ऐसा रास्ता चुना, जो था तो बहुत कठिन, मगर सफल होने पर ना केवल अपने प्रदेश का बल्कि अपने माता पिता का नाम भी रोशन कर दिया। सचिन के दादा रिक्शा चलाते थे और पिता दिहाड़ी आधार पर क्लर्की का काम करते थे। आर्थिक स्थिति के नाम पर परिवार बेहाल था। मगर सचिन ने अपनी शिक्षा के उजियारे का ऐसा प्रकाश फैलाया कि पूरे देश में अपने परिवार को अदभुत मान सम्मान दिला दिया।
इस श्रेणी में टॉप किया सचिन ने
बिहार के वैशाली जिले के अंतर्गत आने वाले सस्तौल निवासी सचिन ने यूपीएससी सेंट्रल आम्र्स पुलिस फोर्स 2019 में देश भर में टॉप करते हुए प्रथम स्थान हासिल किया है। परीक्षा में प्रथम स्थान पाने वाले 22 साल के सचिन ने अपने हौंसले और जज्बे से एक इतिहास बना दिया है। देशभर में 264 स्टुडेंटस में से सचिन ने पहले स्थान पर आकर अपने राज्य का भी गौरव बढ़ाया है।
इस तरह से रहा सचिन का सफर
बता दें कि बीएचयू से एमए राजनीति में विज्ञान के छात्र सचिन का परिवार एक सामान्य रूप से रहता है। कोरोना काल में सचिन ने अपने गांव में रहकर यूपीएससी की तैयारी की। वह दिन रात मेहनत करते रहे और अपनी पढ़ाई को लेकर गंभीरता दिखाई। इसका परिणाम यह हुआ कि जब परीक्षा का रिजल्ट आया तो वह प्रथम श्रेणी से पास हुए। सस्तौल गांव निवासी सचिन के पिता राजेश्वर राय और मां चंदा देवी ने अपने बेटे की सफलता के लिए खुद भी खूब मेहनत की। इस परिवार ने अपने बेटे को यूपीएससी परीक्षा दिलवाने के लिए समर्पण भावना का परिचय दिया है। जिसके परिणाम स्वरूप आज सचिन ने इस मुकाम को पाया है।