एक मासूम बच्ची, जिसने 9 महीने तक कोरोना से लड़ाई लड़ी और उस पर जीत पाई। इस बच्ची ने पूरी ताकत से अस्पताल में 9 महीने तक भर्ती रहकर इस जानलेवा बीमारी को हराया है। इसके बाद जब उसे अस्पताल से छुटटी मिली तो उसे तालियां के बीच विदा किया गया। अस्पताल के सभी स्टॉफ वाले इस बच्ची के जाने से भावुक थे, मगर उनके चेहरों पर खुशी थी। हर कोई इस बच्ची की हालत को देखकर रो रहा था। जब वह ठीक हुई और अस्पताल से जाने का वक्त आया तो सभी स्टॉफ वालों ने उसे खुशी खुशी विदा करने की तैयारी की । सभी ने उत्साह पूर्वक उसकी हिम्मत को सलाम किया। उसके प्यारे व मासूम चेहरे को देखकर सभी की आंखें नम थीें। हर कोई खुशी के आंसू रो रहा था।
चार साल की बच्ची की थी ये हालत
4 साल की इस प्यारी सी बच्ची का नाम है स्टेला मार्टिन है,जोकि पिछले कई महीनों से कोविड-19 से लड़ते हुए न्यू मैक्सिको के एक अस्पताल में भर्ती थी। इस बच्ची को जब अस्पताल से छुटटी मिली तो व्हील चेयर पर ले जाते समय स्टॉफ के सभी लोग तालियां बजा रहे थे। उसे विदाई देकर वह खुश थे। स्टेला को बीते वर्ष कोविड-19 के चलते अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। जब लोग इस बीमारी से मर रहे थे, तब स्टेला के बचने की उम्मीद भी ना के बराबर थी। मगर अस्पताल के डाक्टरों ने संघर्ष किया, उसे बेहतर ईलाज देते हुए पांच महीने तक चाईल्ड आईसीयू में रखा। इसके बाद अक्टूबर 2020 में स्टेला को सीटीएच एक्यूट सर्विस में रखा गया। इस तरह से अथक मेहनत और स्टॉफ के विशेष देखभाल के बाद इस बच्ची को बचाया जा सका।
अस्पताल ने जारी किया वीडियो
यूएनएम एचएससी द्वारा अधिकारिक टवीटर एकाऊंट से इस बच्ची को अस्पताल से विदा करने का मार्मिक वीडियो शेयर किया गया। इस वीडियो को देखकर लोगों की आंखों में आंसू आ गए। अस्पताल की ओर से कहा गया कि हम स्टेला के ठीक होने और इस मरीज के प्रति अपने स्टॉफ की अथक मेहनत, लगन और समर्पण भाव का जश्र मना रहे हैं
After a severe bout with COVID-19, 4-year-old Stella Martin is leaving UNM Hospital. ❤️
Stella came into the hospital in April after contracting COVID-19. She spent over 5 months in the Pediatric ICU and arrived in the CTH Acute Service in October. pic.twitter.com/8yfIUHonsl
— UNM HSC (@UNMHSC) January 27, 2021
ऐसे हुआ था स्टेला को कोविड
बताया गया है कि स्टेला को अपने पिता से कोरोना का सकं्रमण फैला था। चार साल की इस मासूम को अस्थमा की बीमारी थी । रीढ की हडडी में दर्द की शिकायत के बाद उसे अस्पताल ले जाया गया था। जहां उसे कोविड पॉजीटिव करार दिया गया था। अस्थमा की वजह से कोरोना की बीमारी और खतरनाक हो जाती है। इसके चलते ही स्टेला को फेफड़ों में सकं्रमण हो गया, जिसकी वजह से वह कोमा में चली गई थी। मगर अस्पताल के स्टॉफ की अथक मेहनत और लगन ने इस बच्ची को नया जीवन प्रदान करने में सफलता पाई।