इसलिए कुत्तों को वफादार जानवर कहा जाता है, वह अपने मालिक के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। यही कारण है कि लोग भी इस वफादार जानवर की भरपूर सेवा करते हैं। इन दिनों ऐसा ही एक वफादार कुत्ता उत्तराखंड के चमोली में अपने लापता मालिक के लिए कई दिनों से इंतजार कर रहा है। चमोली में हुए दिल दहला देने वाले हादसे ने पूरे देश को दुखी कर दिया है। नंदादेवी पर्वत के एक हिस्से के टूटने की वजह से इस इलाके में भीषण बाढ़ आई, जिसमें सैंकड़ों लोगों के मारे जाने की सूचना है।
बर्बाद हो गया ऋषिकेश प्रोजेक्ट
इस हादसे की वजह से ऋषिकेश पावर प्रोजेक्ट भी पूरी तरह से तबाह हो गया है। ऋषिकेश के साथ ही तपोवन प्रोजेक्ट में भी मलबा भर गया। जब ये हादसा हुआ, उस वक्त इस टनल में कई लोग काम कर रहे थे। हालांकि इस टनल से अब तक कई लोगों को मृत अवस्था में निकाला जा चुका है और कई लोगों के अब भी दबे होने की संभावना जताई जा रही है।
अपने मालिक के इंतजार में है कुत्ता
इस हादसे में सबसे अधिक प्रभावित चमोली जिले का रैनी गांव हुआ है। वहां रहने वाले कई लोग इस हादसे में हताहत हुए हैं। इसी तरह से गांव में रहने वाला एक व्यक्ति भी हादसे के बाद से लापता है। संभावना जताई जा रही है कि वह भी इस टनल में फंसा हो सकता है। अपने मालिक की गंध सूंघते हुए उसका कुत्ता दो दिनों से टनल के बाहर खड़ा है। वह अपने मालिक की खोज में आया है, ऐसा वहां के लोगों का कहना है।
कुत्ता हटने को तैयार नहीं
हालांकि कई बार इस कुत्ते को वहां से भगाया भी जा चुका है, मगर वह दोबारा से वहां आकर खड़ा हो जाता है। कहा जा रहा है कि इस कुत्ते को अपने मालिक के बाहर निकलने का इंतजार है। इसे कहते हैं वफादारी,जिसकी वजह से यह कुत्ता अपने मालिक का बेसब्री से इंतजार कर रहा है।
सीएम ने कहा, भगवान से करते हैं प्रार्थना
वहीं दूसरी ओर तपोवन टनल में राहत एवं बचाव कार्य बहुत तेजी से चल रहा है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि उनकी सूचना के अनुसार इस टनल में तीन दर्जन लोगों के फंसे होने की संभावना है,जिन्हें जीवित निकालने का भरपूर प्रयास किया जा रहा है। वह सभी केे जीवित लौट आने के लिए प्रार्थना करते हैं। बता दें कि आईटीबीपी और एनडीआरएफ की टीमें राहत और बचाव कार्य को बड़े पैमाने पर चला रहे हैं। इन दोनों टीमों के जवानों की वजह से बहुत से लोगों को जिंदा बचाया गया है।