आमतौर पर कुछ वर्षों पहले देखा जाता था कि लोग रिटायरमेंट के बाद अपने घर पर आराम करते थे या फिर तीर्थ यात्रा पर जाया करते थे या फिर अपने परिवार के साथ समय बिताया करते थे| लेकिन हाल के कुछ वर्षों में लोगों की यह आदत बदल चुकी है, वर्तमान में ज़्यादातर लोग रिटायरमेंट के बाद भी कुछ न कुछ काम करते हैं और खुद को व्यस्थ रखने के साथ-साथ लोगों की मदद भी करते हैं| आज हम आपको एक ऐसे ही रिटायर्ड अफसर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनका रिटायरमेंट के बाद भी काम करने का जुनून कम नहीं हुआ और मनोचिकित्सक बन गए|
आइए जानते हैं नामगिरी बाबजी के बारे में
नामगिरी बाबजी आंध्रप्रदेश के निवासी हैं और वह आंध्रप्रदेश पुलिस विभाग में DSP के पद पर कार्यरत थे| फिलहाल नामगिरी अपने इस पद से रिटायर्ड हो चुके हैं, लेकिन अब रिटायरमेंट के बाद नामगिरी एक मनोचिकित्सक के रूप में कार्य कर रहे हैं और गरीबों और जरूरतमंदों की मदद कर रहे हैं| मनोचिकित्सक नामगिरी का यह सराहनीय कार्य सोशल मीडिया पर भी तेजी से वायरल हो रहा है|
सफर नहीं था आसान, नौकरी के साथ-साथ की पढ़ाई
नामगिरी का यह सफर बिलकुल भी आसान नहीं था| 1979 में नामगिरी ने पुलिस विभाग में जाने का प्रयास किया लेकिन उनका यह सपना 1989 में पूरा हुआ| उसके बाद भी उनके अंदर और ज्यादा पढ़ने का जुनून बरकरार था| इसी कारण से 2010 में नौकरी के साथ-साथ उन्होंने एम.ए. मनोविज्ञान की परीक्षाएँ दी| नामगिरी बताते हैं कि जब उनके सीनियर उन्हें छुट्टी नहीं देते थे तो वह नाइट ड्यूटी करते थे और रात में ड्यूटी के साथ-साथ पढ़ाई भी करते थे|
नामगिरी से परामर्श लेने के लिए दूर-दूर से आते हैं लोग
बता दें कि “प्रसन्न माइंड एण्ड पर्स्नालिटी काउन्सेलिंग सेंटर” के नाम से नामगिरी का अपना एक क्लीनिक है, जहां वह लोगों की काउन्सेलिंग करते हैं और उन्हें परामर्श देते हैं| नामगिरी से परामर्श लेने के लिए सिर्फ आस-पास के लोग ही नहीं अपितु दूर दराज के लोग भी आते हैं| इसी के साथ-साथ नामगिरी का अपना एक योगा केंद्र भी है जहां लोग योगा करने के साथ-साथ ध्यान भी करते हैं|