योग गुरू बाबा रामदेव अक्सर अपने योग और बयानों को लेकर चर्चा में रहते है। लेकिन इस बार उनकी चर्चा बिजनेस की वजह से हो रही है। एक समय दिवालिया होने के कगार पर पहुंची रूचि सोया कंपनी को बाबा रामदेव ने पंख लगा दिए। अब कंपनी का मुनाफा 227.44 करोड़ रुपए रहा। रामदेव के पतंजलि आयुर्वेद ने रूचि सोया को 4350 करोड़ रुपए में अधिग्रहण किया था।
दिसंबर तिमाही में कंपनी ने कमाया अच्छा मुनाफा
योग गुरू बाबा रामदेव की कंपनी रूचि सोया इंडस्ट्रीज ने दिसंबर तिमाही में अच्छा मुनाफा कमाया। चालू वित्त वर्ष में कंपनी का नेट प्राफिट अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में 227.44 करोड़ रुपए रहा। कंपनी को इससे पूर्व वित्त वर्ष 2019-20 की इस तिमाही में 7,617.43 करोड़ रुपए रहा। अगर केवल प्राफिट को अलग कर दिया जाए तो चालू वित्त वर्ष की तिसरी तिमाही में नेट प्राफिट 50 फीसदी अधिक था। कं पनी ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि कुल आय अलोच्य तिमाही में 4,475.6 करोड़ रुपए रही जो एक साल पहले 2019-20 की तीसरी तिमाही में 3,725.66 करोड़ रुपए थी.
4350 करोड़ में किया था कंपनी का अधिग्रहण
वर्ष 2019 में बाबा रामदेव की अगुवाई में पतंजलि आयुर्वेेद ने इनसॉल्वेंसी प्रक्रिया में रूचि सोया का अधिग्रहण किया था। साल 2017 में रूचि सोया के दिवालिया होने की प्रक्रिया शुरू हो गई। इसी के तहत साल 2019 में इसको बेचा गया। रामदेव के पतंजलि आयुर्वेद ने रूचि सोया को 4350 करोड़ रुपए में अधिग्रहण कर लिया।
रामदेव के भाई रूचि सोया बोर्ड में शामिल
रामदेव के छोटे भाई राम भरत और नजदीकी सहयोगी आचार्य बालकृष्ण रूचि सोया के निदेशक मंडल में शामिल हुए। कंपनी के निदेशक मंडल की अगस्त 2020 को बैठक हुई। रामभरत को उसी दिन से प्रबंध निदेशक नियुक्त किया गया। भरत को सालाना एक रुपए का वेतन दिया जाएगा। खाद्य तेल बनाने वाली कंपनी रूचि सोया इस साल अपना एफपीओ पेश करेगी। एफपीओ के जरिए रूचि सोया के प्रमोटरों की हिस्सेदारी में कमी लाई जाएगी। लिस्टेड कंपनी होने के नाते प्रमोटरों को रूचि सोया में अपनी हिस्सेदारी घटानी होगी। शेयर बाजार में लिस्टेड कंपनी में न्यूनतम 25 फीसदी अधिक शेयर होल्डिंग जरूरी है। इसका मतलब है कंपनी के 25 फीसदी शेयर आम निवेशकों के पास होने चाहिए।