U P S C की तैयारी करने वाले छात्र तमाम परेशानियों से गुजरते है। उन पर कई तरह का दवाब होता है। लेकिन शायद ही कोई ऐसा छात्र हो, जो इतनी आर्थिक तंगी से गुजर रहा हो कि उसको भूखे पेट सोना पड़ता हो। ऐसे छात्रों में शरण कांबले का नाम शामिल है। जो आर्थिक तंगी की वजह से काफी परेशान रहे। उनके पिता जी मजदूरी करके अपने परिवार का पेट पालते थे। कभी कभी तो स्थिति यहां तक आ जाती थी कि घर में खाने के लिए कुछ नहीं होता था। भूखे पेट ही सोना पड़ता था। लेकिन शरण ने अपने पढ़ाई को डिगने नहीं दिया। वह कठिन समय में भी यूपीएससी की तैयारी करते रहे। अंत में नतीजा निकला कि उन्होंने आठ रैंक के साथ यूपीएससी की परीक्षा पास की। वह आईएएस अधिकारी बन गए। उनकी इस सफलता पर तहसील बारशी के लोग भी काफी खुश है।
पिता ने सब्जी बेचकर किया गुजारा
शरण बताते है कि उनका परिवार शुरुआत से ही आर्थिक तंगी का सामना कर रहा था। मां सब्जी बेचती थी और पिता मजदूरी करके परिवार का गुजारा करते थे। शरण के मुताबिक हमने कई दिन ऐसे भी देेखे जिस दिन खाने के लिए घर में कुछ नहीं होता था। सभी को भूखे पेट ही सोना पड़ता था। कई बार वह सोचते थे कि पढ़ाई लिखाई छोडक़र काम करने लगे। लेकिन फिर उनके मन में ख्याल आता कि पढ़ाई छोडऩे के बाद वह कुछ कमा तो लेंगे, लेकिन उनका भविष्य संकट में आ जाएगा। इसलिए उन्होंने मन लगाकर पढ़ाई करना जारी रखा। शरण के बड़े भाई ने बीटेक किया। इसके बाद उन्होंने नौकरी हासिल की। परिवार की आर्थिक स्थिति सुधरने के बाद शरण यूपीएससी की तैयारी के लिए दिल्ली आ गए।
शिक्षा के माध्यम से हो सकते है केवल चमत्कार
कांबले के पिता कहते है कि उन्हें अभी भी ज्ञात नहीं है कि उनके बेटे ने क्या किया और वह क्या बन गया। हां यह पता है कि वो एक मास्टर बन गया है। कांबले बताते है कि शिक्षा के माध्यम से ही केवल चमत्कार किया जा सकता है। बिना शिक्षा के आपके जीवन में कभी भी परिवर्तन नहीं आ सकता। इसलिए अपने जीवन की दशा को सुधारने के लिए लगातार पढ़ते रहना चाहिए।