Chandigarh (Haryana News) हरियाणा में विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही सूबे में विधायकों के दनादन इस्तीफे होने लगे हैं और कांग्रेस का दरवाजा खटखटाने वालों की लंबी लाईन लग गई है। चुनावों की घोषणा होते ही राज्य में आधा दर्जन विधायकों इस्तीफे दे दिए गए हैं और अब वो कांग्रेस में एंट्री लेने की लिए बेकरार है। वहीं पूर्व डिप्टी चीफ मिनिस्टर दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी लगभग खात्मे पर पहुंच गई है, जिन विधायकों ने इस्तीफे दिए हैं, उनमें सभी जेजेपी से ही ताल्लुक रखते हैं, इस राजनैतिक उठापटक के बाद जहां कांग्रेस का ग्राफ तेजी से बढऩे लगा है, वहीं जननायक जनता पार्टी में महज अब दुष्यंत, उनके भाई दिगविजय उनकी मां नैना चौटाला और पिता अजय चौटाला ही रह गए हैं। 2019 के इनेलो से अलग होकर बनाई गई जननायक जनता पार्टी अब अपने खात्मे की तरफ है।
सबसे पहले बात करेंगे जननायक जनता पार्टी से इस्तीफा देने वाले विधायकों की, जिन्होंने हरियाणा की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है। इनमें पूर्व मंत्री देवेंद्र बबली, गुहला से विधायक ईश्वर सिंह, बरवाला से जोगीराम, नरवाना से रामनिवास सुरजाखेडा, शाहबाद से विधायक रामकरण काला, नारनौंद से रामकुमार गौतम और पूर्व मंत्री अनूप धानक के नाम सामने आए हैं। इनके जाने के बाद जेजेपी के पास एकमात्र विधायक अमरजीत ढांडा ही रह गए हैं, अब ढांडा कब जेजेपी से अपना पल्ला झाड़ते हैं ये देखने वाली बात होगी। । इन इस्तीफों को जननायक जनता पार्टी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है, इससे पहले जजपा के प्रदेश अध्यक्ष सरदार निशान सिंह भी अपना रिजाईन कर जा चुके हैं।
जजपा से रिजाईन करने वाले विधायक किन किन दलों में अपना राजनैतिक भविष्य ढूंढ रहे हैं, हरियाणा की राजनीति को लेकर ये भी अपने आप में बड़ी चर्चा है ।इनमें सबसे पहले बात करेंगे पूर्व मंत्री देवेंद्र बबली की, जोकि टिकट ना मिलने पर कांग्रेस छोडक़र जजपा में शामिल हुए थे। टोहाना से चुनाव मैदान में उतरे और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला को हराकर विधायक बनें थे। लोकसभा चुनावों में बबली ने कांग्रेस का साथ दिया और कुमारी शैलजा को जिताने में प्रमुख भूमिका निभाई, खबर है कि अब बबली कांग्रेस में जा सकते हैं। गुहला से विधायक ईश्वर सिंह भी कांग्रेस छोडक़र जजपा में गए थे, लेकिन अब वो भी कांग्रेस के होने जा रहे हैं। शाहबाद से विधायक रामकरण काला भी कांग्रेस से नाराज होकर जजपा में जाकर विधायक बन गए। पंरतु जेजेपी छोडऩे के बाद से उनके फिर से कांग्रेस में जाने की चर्चाएं हैं।
हरियाणा के पूर्व फाईनेंस मिनिस्टर कैप्टन अभिमन्यु को नारनौंद से हराने वाले दादा रामकुमार गौतम भाजपा से जजपा में गए और विधायक बन गए। लेकिन रामकुमार गौतम की पहले दिन से ही दुष्यंत चौटाला से खटक गई और उन्होंने शुरू से ही उनके विरोध में जमकर अपनी भड़ास निकाली है। अब वो किस पार्टी में जाएंगे, ये देखने वाली बात होगी। बरवाला से विधायक जोगीराम सिहाग बीजेपी छोडक़र जजपा में गए थे, मगर अब वो दोबारा से बीजेपी में जाने की जुगत में हैं, टिकट फाईनल होते ही वो भाजपा के हो जाएंगे। जबकि पूर्व मंत्री अनूप धानक इनेलो में टूट के बाद जजपा में चले गए थे। लेकिन अब वो कहां जाएंगे, इस पर संशय बना हुआ है। फिलहाल जजपा छोडक़र जाने वाले विधायकों की पहली पसंद वापिस कांग्रेस ही है। हो सकता है कि इसके लिए उनकी टिकट को लेकर लॉबिंग भी चल रही हो। लेकिन एक बात साफ है कि एक अक्टूबर को होने वाले चुनावों के लिए कांग्रेस की टिकट चाहने वालों की लाईन लगी है और कांग्रेस में शामिल होने वाले नेताओं की रफ्तार भी तेजी से बढ़ रही है। हालांकि ये देखने वाली बात होगी कि कांग्रेस कितनी मजबूती से चुनाव लड़ती है और सत्ता में वापिसी के लिए उनकी रणनीति कितनी कारगर साबित होती है।