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हरियाणा में कांडा और चौटाला के बीच फंसी बीजेपी, सिरदर्द बनी मंत्री की बगावत

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चंडीगढ़। हरियाणा बीजेपी में बगावत करने वाले नेता अब खुलकर सामने आने लगे हैं। हाल ही में नायब सिंह सरकार में कैबिनेट मंत्री रणजीत सिंह ने खुले तौर पर बीजेपी के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया है। रणजीत सिंह के बगावती तेवर बीजेपी के लिए शुभ संकेत नहीं माने जा सकते। रणजीत सिंह को लेकर बीजेपी दोराहे पर आ खड़ी हुई है, एक ओर गोपाल कांडा हैं तो दूसरी ओर रणजीत सिंह, अब इनमें से बीजेपी किसे चुनती है, ये देखने वाली बात होगी। हकीकत तो ये है कि बुरे वक्त में इन दोनों ने ही बीजेपी को संकट से उबारा था, अब इन्हें लेकर बीजेपी का क्या रूख रहता है, ये अपने आप में रोचक हो गया है।

दरअसल बीजेपी के लिए ये बड़ी आफत है और उनके सामने एक साथ दो दो चुनौतियां आ खड़ी हुई हैं। गोपाल कांडा और रणजीत सिंह चौटाला को लेकर बीजेपी के साथ वो स्थिति देखी जा रही है कि ना तो वो उगल सकती है और ना ही निगल सकती है। यानि कि बीजेपी ना तो गोपाल कांडा को छोड़ सकती है और ना ही रणजीत सिंह चौटाला को जाने देना चाहती है। लेकिन आपको बता दें कि इन दोनों ही नेताओं ने नायब सरकार और बीजेपी के लिए संकट पैदा कर दिया है। बीजेपी के लिए ये स्थिति बनी है रानियां विधानसभा सीट को लेकर। हरियाणा सरकार में कैबिनेट मंत्री रणजीत सिंह चौटाला रानियां से चुनाव लडऩा चाहते हैं और बीजेपी ये सीट गोपाल कांडा को देना चाहती है। बस यहीं से इन तीनों के बीच विवाद की नौबत बन गई है। 2019 और उससे पहले भी रणजीत सिंह चौटाला रानियां विधानसभा क्षेत्र से ही चुनाव लड़ते आ रहे हैं। 2019 में वो इस सीट से ही निर्दलीय चुनाव जीते थे तथा बीजेपी सरकार को अपना समर्थन देकर सरकार बनाने में बड़ी भूमिका निभाई थी।

रणजीत सिंह की इस वफादारी के बदले उन्हें मनोहर और नायब सरकार में कैबिनेट मंत्री की कुर्सी तो दी ही गई, साथ ही 2024 में हुए लोकसभा चुनाव में उन्हें हिसार से बीजेपी उम्मीदवार के तौर पर चुनाव भी लड़वाया गया, हालांकि वो कांग्रेस के जेपी से चुनाव हार गए, लेकिन इसके बावजूद बीजेपी में उनका रूतबा बरकरार रहा, यही कारण रहा कि लोकसभा चुनाव हारने के बाद भी नायब सरकार से उन्हें बाहर नहीं किया गया। लेकिन अब बीजेपी रानियां सीट को लेकर गोपाल कांडा से वायदा कर चुकी है, जिसके बाद से रणजीत सिंह बुरी तरह से तिलमिलाए हुए हैं। हाल ही में बीजेपी सरकार को चेतावनी देते हुए रणजीत सिंह चौटाला ने साफ कर दिया है कि वो रानियां से ही चुनाव लड़ेंगे और जीतेंगे। चाहे उन्हें निर्दलीय ही चुनाव क्यों ना लडऩा पड़े, अब बीजेपी अपना देख ले। रणजीत सिंह के इस ऐलान के बाद से बीजेपी के चाणक्य बुरी तरह से घबराए हुए हैं। बीजेपी को डर ये है कि यदि रणजीत सिंह ने खिलाफत शुरू कर दी तो फिर उनके बाकि क्षत्रप भी कहीं ना कहीं बगावत के सुर अलाप सकते हैं। देखना अब ये है कि बीजेपी इस पूरे मामले को किस तरह से निपटाती है और कांडा और चौटाला के बीच फंसे रानियां विधानसभा क्षेत्र से किसे अपना उम्मीदवार बनाती है।

 

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