फरीदाबाद। बडख़ल विधानसभा क्षेत्र से बाहर का होने को लेकर बीजेपी प्रत्याशी को अपने ही लोगों का भारी विरोध सहना पड़ रहा है। बीजेपी के पंजाबी नेताओं ने अपने स्तर पर पार्टी प्रत्याशी का एक तरह से बहिष्कार सा कर दिया है और उनका साथ देने से साफ इंकार कर दिया है। वो पार्टी के पंजाबी नेताओं को जितना मनाने की कोशिश कर रहे हैं, उतना ही उन्हें खरी खोटी सुननी पड़ रही है। बीजेपी प्रत्याशी वीरवार को पार्टी के वरिष्ठ नेता और बड$खल से टिकट के प्रबल दावेदार श्याम सुंदर कपूर को मनाने के लिए पहुंचे, लेकिन वहां से उन्हें बैरंग लौटना पड़ा। खूब हाथ पैर जोडऩे के बाद भी श्री कपूर अपने फैसले पर अडिग़ रहे और उन्होंने साफ तौर पर बीजेपी प्रत्याशी का साथ देने से इंकार कर दिया।
आपको बता दें कि श्री कपूर हरियाणा विकास पार्टी की सरकार में बेहद ही पावरफुल थे और सीधे तत्कालीन मुख्यमंत्री बंसीलाल से संपर्क में रहते थे। स्वर्गीय बंसीलाल उनकी हर बात मानते थे और उन्हें पूरी पावर दी हुई थी। फिलहाल बडख़ल विधानसभा क्षेत्र से वो टिकट के प्रबल दावेदार थे और उनकी टिकट भी लगभग फाईनल हो गई थी। लेकिन ऐन वक्त पर लांबिंग की वजह से ओल्ड फरीदाबाद विधानसभा क्षेत्र के सैक्टर नौ में रहने वाले धनेश अदलक्खा को टिकट दे दी गई।
अदलक्खा को टिकट देने के बाद से बडख़ल क्षेत्र में जिला बीजेपी कोषाध्यक्ष राजन मुथरेजा सहित दर्जनों कार्यकर्ता और पदाधिकारियों ने इस्तीफे दे दिए। राजन मुथरेजा भी टिकट के मजबूत दावेदारों में शामिल थे। खबर है कि अब धनेश अदलक्खा को बडख़ल क्षेत्र में कड़े विरोध की वजह से खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। तत्कालीन शिक्षा मंत्री और पूर्व विधायक सीमा त्रिखा गुट भी बीजेपी प्रत्याशी से दूरी बनाए हुए है और भीतरखाने खिलाफत में उतरा हुआ है। हाल फिलहाल अदलक्खा पंजाबी समाज के अलावा लोगों के बीच अपनी पकड़ नहीं बना पा रहे हैं। देखना अब ये है कि इन विपरित हालातों में वो किस तरह से बडख़ल विधानसभा में चुनाव लड़ पाएंगे।